नई दिल्ली। बैंकों से एटीएम तक कैश ले जाने वाली कंपनियां हो या फिर कैश मैनेजमेंट से जुड़ी कोई कंपनी, अब इनमें 100 फीसदी तक विदेशी निवेश (FDI) की छूट दी जाएगी। सीएनबीसी-आवाज की एक रिपोर्ट के मुताबिक सरकार जल्द ही इसका औपचारिक ऐलान करने वाली है।
यह भी पढ़ें :नोटबंदी के बाद 23 गुना बढ़ा डिजिटल ट्रांजैक्शन, मार्च तक 2,425 करोड़ रुपए का हुआ लेनदेन
मौजूदा कानून के तहत कैश और एटीएम मैनेजमेंट कंपनियों में सिर्फ 49 फीसदी FDI का प्रावधान है। CMS, राइटर, सेफगार्ड और सिक्योर वैल्यू जैसी कंपनियां बैंकों से एटीएम तक कैश ले जाने का कामकाज देखती हैं। ये कंपनियां रोजाना 40,000 करोड़ रुपए का मैनेजमेंट करती हैं।
यह भी पढ़ें : तेलंगाना के मंत्री ने आईसक्रीम बेचकर कुछ ही घंटों में कमाए 7.5 लाख रुपए, स्थापना दिवस कार्यक्रम पर होंगे खर्च
वहीं इन कंपनियों को 100 फीसदी FDI के लिए प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसी एक्ट की शर्तें पूरी करना जरूरी नहीं होगा। सरकार के इस कदम से कैश काउंटिंग मशीन वाली कंपनियों को भी फायदा होगा। टीवीएस इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटीआई जैसी कंपनियां इस कामकाज से जुड़ी हैं।
भारत में FDI के मामले में चीन तेजी से उभरता हुआ देश
भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) करने के मामले में चीन सबसे तेजी से उभरता हुआ देश बन गया है। 2016 में यह 2014 के 28वें और 2011 के 35वें स्थान से ऊंची छलांग लगाते हुए अब 17वें स्थान पर आ गया है। वर्ष 2011 में भारत में कुल चीनी निवेश 10.2 करोड़ डॉलर था। पिछले साल चीन ने कथित तौर पर भारत में एक अरब डॉलर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश किया था, लेकिन इस मामले में भारत और चीन के आंकड़ों में भिन्नता है।