नई दिल्ली। साख निर्धारित करने वाली एजेंसी केयर रेटिंग्स ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिये भारत की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 10.2 प्रतिशत कर दिया है। पूर्व में वृद्धि दर 10.7 से 10.9 प्रतिशत रहने की संभावना जतायी गयी थी। कोरोना वायरस मामले में तेजी से वृद्धि के साथ विभिन्न राज्यों में लगायी जा रही पाबंदियों से आर्थिक गतिविधियां प्रभावित होने के साथ वृद्धि दर के अनुमान को कम किया गया है। पिछले एक महीने में यह तीसरा मौका है जब रेटिंग एजेंसी ने अनुमान को संशोधित किया है।
केयर रेटिंग्स ने एक रिपोर्ट में कहा, ‘‘हमने 2021-22 के लिये जीडीपी वृद्धि दर के अनुमान को संशोधित किया है। पिछले लगभग 30 दिनों में जो बदलाव हुआ है, उसके कारण अनुमान को संशोधित किया गया है। हमने इसे कम कर अब 10.2 प्रतिशत कर दिया है। इससे पहले, केयर रेटिंग्स ने 24 मार्च, 2021 को जीडीपी वृद्धि दर 11 से 11.2 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था। महाराष्ट्र में कोविड संक्रमण तेजी से फैलने के बाद राज्य सरकार ने अप्रैल के पहले सप्ताह से अपेक्षाकृत कम कड़ाई के साथ ‘लॉकडाउन’ लगाये जाने की घोषणा की थी। राज्य में पाबंदियों के कारण आर्थिक गतिविधियां प्रभावित होने से एजेंसी ने पांच अप्रैल को 2020-21 के लिये जीडीपी अनुमान को घटाकर 10.7 से 10.9 प्रतिशत कर दिया था। केयर रेटिंग्स के अनुसार लेकिन बाद में 20 अप्रैल से ‘लॉकडाउन’ को कड़ा कर दिया गया जिसे व्यापार गतिविधियों पर आने वाले समय में अधिक प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका है। इसके अलावा कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए कई अन्य राज्यों ने भी पाबंदियां लगायी है। इसमें सप्ताहांत ‘लॉकडाउन’, पूर्ण रूप से ‘लॉकडाउन’ तथा रात्रि कर्फ्यू शामिल हैं।