मुंबई। ऐसी संपत्ति जिस पर गैरकानूनी तरीके से कब्जा किया गया है, उसे अन्य स्रोतों से आय मान कर उस पर कर लागू होगा, पर इस तरह की संपत्ति को पूंजीगत संपत्ति नहीं माना जाएगा। आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (आईटीएटी) की मुंबई पीठ ने यह व्यवस्था दी है।
न्यायाधिकरण ने कहा कि आयकरदाता द्वारा अवैध रूप से कब्जाई गई संपत्ति को आयकर कानून की धारा 2:14: के तहत पूंजीगत संपत्ति नहीं माना जाएगा। ऐसे में इस तरह की संपत्ति के हस्तांतरण से होने वाले लाभ को पूंजीगत लाभ नहीं, अन्य स्रोतों से आय माना जाएगा। यह मामला आयकरदाता भगवान टी फतनानी से संबंधित है। फतनानी का उल्हासनगर की संपत्ति पर कोई कानूनी अधिकार नहीं था और उसने इस संपत्ति पर आकलन वर्ष 2008-09 में कब्जा किया था।
न्यायिक सदस्य जोगिंदर सिंह तथा लेखा सदस्य डी करणाकर राव की न्यायाधिकरण की पीठ ने हालिया फैसले में कहा कि आयकरदाता का संपत्ति या संपत्ति के बैनामे पर कोई कानूनी अधिकार नहीं था। ऐेसे में किसी पूंजीगत संपत्ति के स्वामित्व का कोई सवाल नहीं पैदा होता। ऐसे में पूंजीगत लाभ के लिए पूंजीगत संपत्ति की बिक्री या हस्तांतरण का कोई सवाल नहीं उठता। इस मामले में आयकर विभाग का प्रतिनिधित्व उसके आयुक्त विजय कुमार बोरा ने किया।
यह भी पढ़ें- अप्रैल में 64,000 करोड़ से अधिक रहा इनडायरेक्ट टैक्स कलेक्शन, सरकार के अतिरिक्त कदमों से 42 फीसदी हुई वृद्धि
यह भी पढ़ें- ऑनलाइन IT रिटर्न भरने के लिए शुरू हुई नई सर्विस, ATM से हासिल कर सकेंगे इलेक्ट्रॉनिक सत्यापन कोड