नई दिल्ली। स्टार्टअप इंडिया को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने एक बहुत ही बड़ा और महत्वपूर्ण फैसला लिया है। सरकार ने फाइनेंस बिल में थोड़ा बदलाव किया है। इस बदलाव के बाद अब सभी स्टार्टअप्स किसी भी प्रकार के कैपिटल गैंस टैक्स से मुक्त होंगे। दो साल या इससे अधिक समय तक स्टार्टअप्स के शेयर अपने पास रखने के बाद उनकी बिकवाली करने पर अब निवेशकों को किसी तरह का टैक्स नहीं देना होगा। सरकार के इस कदम से स्टार्टअप्स में निवेशकों की रुचि बढ़ने की संभावना है, जिससे स्टार्टअप्स को कार्यशील पूंजी आसानी से उपलब्ध हो सकेगी।
पहले क्या था नियम
वह कंपनी और स्टार्टअप, जो किसी भी स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड नहीं हैं, उन पर विशेष 20 फीसदी का कैपिटल गैंस टैक्स लगता था। इन कंपनियों के शेयर तीन साल से अधिक समय तक अपने पास रखने के बावजूद यह टैक्स देना होता था। वहीं इसकी तुलना में लिस्टेड कंपनियों के मामले में उनके शेयर 12 महीनें तक अपने पास रखने के बाद उन्हें बेचने पर किसी प्रकार का टैक्स नहीं देना होता है।
स्टार्टअप्स के लिए थी यह बड़ी समस्या
यह नए स्टार्टअप्स के लिए एक बड़ी समस्या थी और बिना किसी उचित तर्क के उनके निवेशकों को अतिरिक्त टैक्स का भुगतान करना पड़ता था। भारत सरकार ने इस मुद्दे को समझा और इस टैक्स को खत्म कर स्टार्टअप्स को बड़ी राहत प्रदान की है।
विदेशी निवेशकों और वेंचर्स कैपिटालिस्ट को होगा फायदा
इस नए फैसले से विदेशी निवेशकों और वेंचर कैपिटालिस्ट को बहुत फायदा होगा। सरकार के इस फैसले के बाद वे ज्यादा लाभ कमा पाएंगे और उन्हें इसके लिए कम टैक्स का भुगतान करना होगा। इसका सीधा मतलब है कि अब हम यह उम्मीद कर सकते हैं कि आने वाले दिनों में स्टार्टअप्स में विदेशी निवेश और बढ़ सकता है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस साल के अपने बजट भाषण में विदेशी वेंचर कैपिटल पर लगने वाले कैपिटल गैंस टैक्स की सीमा तीन साल से घटाकर दो साल कर दी थी। अब सरकार ने इस टैक्स को दो साल की होल्डिंग सीमा के बाद शून्य कर दिया है।