नई दिल्ली। सरकार विलय के अगले चरण में एक और बड़ा बैंक खड़ा करने की तैयारी में जुटी है। सार्वजनिक क्षेत्र के कैनरा बैंक द्वारा छोटे बैंकों विजया बैंक और देना बैंक को अधिग्रहण करने के प्रस्ताव पर जोरशोर से चर्चा चल रही है। इन बैंकों के बीच इस संबंध में बातचीत जारी है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि पहले विजया और देना बैंकों को आपस में विलय होगा, उसके बाद कैनरा बैंक विलय के बाद बनने वाले नए बैंक का अधिग्रहण करेगा।
सरकार तीन स्तरीय बैंकों के गठन पर विचार कर रही है। इसके तहत देश में केवल 10-12 बैंक ही होंगे, जिनकी संख्या वर्तमान में 21 है। अधिकारी ने कहा कि सरकार की योजना देश में एसबीआई के बराबर कम से कम तीन बैंक बनाने की है। इस माह के शुरुआत में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि सरकारी बैंकों के प्रदर्शन की समीक्षा करने के बाद सरकार इनके विलय पर तेजी से काम करेगी।
अन्य बैंकों में इंडियन बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक और सिंडीकेट बैंक से भी आपस में विलय की संभावनाओं पर विचार करने के लिए कहा गया है। देना बैंक उन पांच सरकारी बैंकों में से एक है, जिन्हें आरबीआई के प्रोम्प्ट करेक्टिव एक्शन प्रोग्राम में रखा गया है, इसके तहत इन बैंकों को पर विभिन्न प्रतिबंध लगाए गए हैं। यह बैंक अब कोई नया लोन नहीं दे सकते हैं और न ही डिविडेंड का वितरण कर सकते हैं।
अन्य चार बैंकों में आईडीबीआई, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और यूको बैंक शामिल हैं। मार्च तिमाही में देना बैंक को 575.26 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है, जबकि विजया बैंक ने इस दौरान 204 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया है। कैनरा बैंक की देशभर में 7,000 ब्रांच हैं।