मुंबई। टेलीकॉम कंपनियों की कॉल ड्रॉप पर जुर्माने से बचने की तमाम कोशिश बेकार होती नजर आ रही है। कंपनियों के बढ़ते दबाव और कानूनी कार्रवाई की चेतावनी के बावजूद सरकार ने कॉल ड्रॉप के लिए जुर्माना लगाने के फैसले पर कड़ा रख अख्तियार किया है। दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने कॉल ड्रॉप के लिए जो जुर्माना लगाने का फैसला किया है उसे तय समयानुसार ही लागू किया जाएगा। इससे ट्राई ने धमकियों को नजरअंदाज करते हुए टेलीकॉम कंपनियों को हर्जाना देने के लिए जनवरी तक खाका तैयार करने को कहा था।
ऑपरेटरों के नुकसान से ज्यादा जरूरी उपभोक्ताओं का हित
रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को माइक्रोसाफ्ट के फ्यूचर अनलीश्ड एक्सलीरेटिंग इंडिया को संबोधित हुए कहा, दूरसंचार ऑपरेटरों के पास एक मुद्दा है। लेकिन सरकार के लिए उपभोक्ता का हित ज्यादा महत्वपूर्ण है। ऐसे में कॉल ड्रॉप के लिए दूरसंचार कंपनियों पर जुर्माना लगाने के प्रस्ताव को वापस लेने का सवाल पैदा नहीं होता। हालांकि, मंत्री ने इससे ज्यादा कुछ जानकारी नहीं दी।
क्या है पूरा मामला
ट्राई ने पिछले 16 अक्तूबर को ऑपरेटरों पर प्रति कॉल कटने पर एक रुपए का जुर्माना लगाने की घोषणा की थी। एक दिन में उपभोक्ताओं को सिर्फ तीन कॉल ड्रॉप के लिए मुआवजा दिया जाएगा। इस बाद ऑपरेटरों ने चेताया था कि यदि सरकार अपनी इस योजना पर आगे बढ़ती है तो उनके पास कानूनी कदम उठाने के लिए अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा। नए नियम के लागू होने से टेलिकॉम कंपनियों को रोजाना करीब 150 करोड़ रुपए नुकसान होने की आशंका है। दरअसल देश में बढ़ती कॉल ड्रॉप को देखते हुए सरकार ने उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए यह फैसला किया है।