नई दिल्ली। व्यापारियों के संगठन कन्फेडरेशन आफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने देश में ई-कॉमर्स क्षेत्र में अनियमितताओं पर सरकार द्वारा अभी तक कोई कदम न उठाए जाए जाने पर केंद्रीय वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि सरकार स्थानीय व्यापार के स्थान पर विदेशी कंपनियों को ज्यादा तरजीह दे रही है। पत्र में कैट अध्यक्ष बी सी भरतिया और महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने ई कॉमर्स कंपनियों पर आरोप लगाते हुए कहा की ये कंपनियां सरकार की प्रत्यक्ष विदेश नीति (एफडीआई) नीति का खुला उल्लंघन करते हुए सीधे उपभोक्ताओं को सामान बेच रही हैं जबकि ये सिर्फ बिजनेस टु बिजनेस ही व्यापार कर सकती हैं।
पत्र में कहा गया है कि अपने पोर्टल पर ये कंपनियां भारी छूट और अन्य योजनाओं के जरिए कीमत को प्रभावित करती हैं जो नीति के तहत उचित नहीं है। पत्र में एफडीआई नीति 2016 की धारा 2.3 की उपधारा 9 का हवाला देते हुए कहा की इसमें स्पष्ट है की ई कॉमर्स मार्केटप्लेस मॉडल केवल तकनीकी प्लेटफार्म उपलब्ध कराएगा और किसी भी रूप में सीधे अथवा अप्रयत्क्ष रूप से कीमतों को प्रभावित नहीं करेगा और न ही असमान प्रतिस्पर्धा का माहौल बनाएगा।
पत्र में कहा गया है कि नीति का उल्लंघन करना इन कंपनियों की आदत बन चुका है और सरकार को इस दिशा में कड़े कदम उठाए जाने चाहिए।