नई दिल्ली। दालों की बढ़ती कीमत पर चिंता जताते हुए व्यापारियों के प्रमुख संगठन कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने कहा कि सरकार को पहले आयातकों की भंडारण सीमा तय करनी चाहिए। केवल घरेलू प्रोसेसिंग कंपनियों को ही खाद्यान्न एवं दालों के आयात की अनुमति देनी चाहिए। वित्त मंत्री अरण जेटली को लिखे पत्र में कैट ने दालों की ऊंची कीमत के लिए बहुराष्ट्रीय कंपनियों और बड़े खुदरा विक्रेताओं को जिम्मेदार बताया।
संगठन ने कहा, कैट का सुझाव है कि कीमतों को वहनीय स्तर पर बनाए रखना केवल तभी संभव है जब बहुराष्ट्रीय कंपनियों, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश और कॉरपोरेट क्षेत्र को खाद्यान्न एवं दलहन क्षेत्र से बाहर रखा जाए। हमारा सुझाव है कि सबसे पहले आयातकों की भंडारण सीमा तय की जाए और एक अनिवार्य नियम बनाया जाए कि सामान की आवक के 15 दिन के भीतर उसे देश के भीतर बेचा जाए। संगठन ने कहा कि केवल घरेलू प्रोसेसिंग कंपनियों को खाद्यान्न एवं दलहन के आयात की अनुमति दी जानी चाहिए।
आपूर्ति की कमी की वजह से दालों के दामों में एक बार फिर तेजी आती दिख रही है। ऐसे में केंद्र ने राज्यों से जमाखोरी रोकने को व्यापारियों के लिए सभी दालों के भंडारण की सीमा तय करने को कहा है। खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश तथा तेलंगाना ने कुछ दालों के लिए भंडारण की सीमा तय की है। हमने उनसे जमाखोरी तथा मू्ल्यों पर नियंत्रण के लिए भंडारण की सीमा सभी दालों के लिए तय करने को कहा है। वहीं उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर क्षेत्र ने अभी तक इस तरह की कोई सीमा तय नहीं की है।