नई दिल्ली। खुदरा कारोबारियों के संगठन कैट ने सरकार से व्हाट्सऐप और उसकी मूल कंपनी फेसबुक के ऊपर रोक लगाने की रविवार को मांग की। संगठन ने सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद को पत्र लिखकर यह मांग की। कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने व्हाट्सऐप की नयी निजता नीति पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि व्हाट्सऐप को इसे लागू करने से रोका जाना चाहिये या फिर उसपर पूरी तरह से रोक लगा दी जानी चाहिये। कैट ने मंत्री को लिखे पत्र में कहा, ‘‘सरकार को या तो व्हाट्सऐप को नयी नीति लागू करने से रोकना चाहिये या फिर व्हाट्सऐप के ऊपर रोक लगानी चाहिये।’’ कैट ने कहा कि भारत में फेसबुक के 20 करोड़ से अधिक उपयोगकर्ता हैं और इसे हर उपयोगकर्ता के डेटा तक पहुंचने में सक्षम करने से न केवल अर्थव्यवस्था बल्कि देश की सुरक्षा के लिये गंभीर खतरा पैदा हो सकता है। हालांकि, पीटीआई-भाषा को एक ईमेल के जवाब में व्हाट्सऐप के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हमने पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिये निजता की नयी नीति बनाई है।
व्हाट्सऐप ने हाल ही में यूजर्स के लिए सेवा शर्तों और निजता से जुड़ी नीति को अपडेट किया है। यह आठ फरवरी, 2021 से प्रभाव में आएगा। उपयोगकर्ताओं को दिये गये संदेश में सेवा शर्तों और निजता से जुड़ी नीति को अपडेट करने के बारे में जानकारी दी गयी है। इसमें व्हाट्ससऐप की सेवा के बारे में सूचना दी गयी है और यह बताया गया है कि वह किस प्रकार उपयोगकर्ताओं के आंकड़ों का प्रसंस्करण करती है। इसमें यह भी बताया गया है कि कंपनियां व्हाट्सऐप चैट को रखने और प्रबंधित करने के लिए फेसबुक की सेवाओं का उपयोग कैसे कर सकती है और फेसबुक के साथ व्हाट्सऐप भागीदार कैसे कंपनी के उत्पादों में एकीकरण पेश करते हैं। संदेश में कहा गया है कि उपयोगकर्ताओं को व्हाट्सऐप का उपयोग जारी रखने के लिये सेवा शर्तों और निजता नीति को स्वीकार करने की जरूरत है।