![केयर्न एनर्जी टैक्स नोटिस पर कार्यवाही शुरु, 12 महीने से कम समय में निपटाया जाएगा मामला](https://static.indiatv.in/khabar-global/images/paisa-new-lazy-big-min.jpg)
नई दिल्ली। ब्रिटिश की तेल-गैस उत्खनन केयर्न एनर्जी की ओर से पिछली तिथि से लागू कानून के तहत 29,047 करोड़ रुपए की टैक्स संबंधी मांग के नोटिस पर भारत के खिलाफ दायर पंच-निर्णय की प्रक्रिया शुरु हो गई। न्यायाधीशों की समिति ने इस मामलें में समय सीमा तय कर ली है ताकि इसे 12 महीने से कम समय में निपटाया जा सके। इस घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों ने कहा कि जिनीवा के पंच-न्यायाधीश लॉरेंट लेवी की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यों की पंच-निर्णय समिति ने कुछ हफ्ते पहले पेरिस में पहली प्रक्रियात्मक सुनवाई की थी।
सूत्रों के अनुसार पंच-निर्णय समिति नीदरलैंड में द हेग में बैठेगी। केर्न से इस महीने के अंत तक अपना पक्ष रखने और अपनी राहत की मांग का बयान दाखिल करने को कहा गया है। भारत सरकार 2016 की चौथी तिमाही तक अपना पक्ष रखेगी। साक्ष्यों के साथ सुनवाई 2017 के प्रारंभ में होने की उम्मीद है। सूत्रों ने कहा कि लेवी संभवत: मई-जून 2017 तक मामले पर निर्णय दे सकते हैं। केयर्न को जनवरी 2014 में आयकर विभाग से एक नोटिस मिला था जिसमें 2012 के एक कानून का जिक्र किया गया था जिसके तहत उन्हें पिछली तारीख से कर लगाने का अधिकार मिला।
आयकर विभाग ने 10,247 करोड़ रुपए के मसौदा आकलन तैयार किया जो 2006 में समूह पुनर्गठन के आधार पर बकाया कर था। आयकर विभाग ने कंपनी की केयर्न इंडिया में शेष 10 फीसदी हिस्सेदारी अस्थाई तौर पर जब्त कर ली। इस मूल्य उस वक्त एक अरब डॉलर था। इस मूल्य में उसके बाद से 30 फीसदी की गिरावट आई है। कर विभाग द्वारा इस साल इस मामले में किए गए आखिरी आकलन आदेश में इसमें 18,800 करोड़ रुपए का ब्याज जोड़ दिया गया है, जो 10,347 करोड़ रुपए कर के अतिरिक्त है।
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