नई दिल्ली। उद्योग संगठन कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएआई) का अनुमान है कि भारत चालू कॉटन सीजन 2019-20 (अक्टूबर-सितंबर) में 50 लाख गांठ (एक गांठ में 170 किलो) कॉटन निर्यात कर सकता है जोकि पिछले साल से आठ लाख गांठ यानी 19.05 फीसदी ज्यादा होगा। कॉटन एसोसिएशन ने सोमवार को जारी अपने जुलाई महीने के आकलन में कॉटन उत्पादन अनुमान जून महीने के आकलन से 19 लाख गांठ बढ़ाकर 354.50 लाख गांठ कर दिया है।
उत्पादन में बढ़त मध्य भारत की वजह से रही है, अनुमानों के मुताबिक मध्य भारत से पिछले अनुमान के मुकाबले 13 लाख गांठ का अधिक उत्पादन हो सकता है। वहीं उत्तरी हिस्से से 3 लाख गांठ का अतिरिक्त उत्पादन, दक्षिण हिस्से से 3 लाख से कुछ ज्यादा गांठ का अतिरिक्त उत्पादन हे का अनुमान है। संशोधित अनुमान के अनुसार, देश में चालू सीजन में कॉटन का उत्पादन 354.50 लाख गांठ, आयात 16 लाख गांठ और ओपनिंग स्टॉक 32 लाख गांठ के साथ कुल सप्लाई 402.50 लाख गांठ रहेगी जबकि घरेलू खपत 250 लाख गांठ, निर्यात 50 लाख गांठ होने पर 30 सितंबर, 2020 को सीजन के आखिर में बचा हुआ स्टॉक 102.50 लाख गांठ रहेगा।
कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया के प्रेसीडेंट अतुल गणत्रा ने बताया कि 102.50 लाख गांठ बकाया स्टॉक अब तक का रिकॉर्ड स्तर है। इससे पहले कभी इतना कैरीफॉर्वर्ड स्टॉक नहीं रहा था। उन्होंने कहा कि भारत का कॉटन दुनिया में अभी सबसे सस्ता है इसलिए इसकी निर्यात मांग बनी हुई और सीजन के आखिर तक निर्यात 50 लाख गांठ तक जा सकता है। हालांकि संगठन का मानना है कि कोरोना महामारी की वजह से घरेलू मांग 30 लाख गांठ घटकर 250 लाख गांठ तक रहेगी।