नई दिल्ली। कपास उद्योग ने देश में फसल वर्ष 2020-21 में कुल उत्पादन 356 लाख गांठ रहने का अनुमान जताया है। यह पिछले साल के मुकाबले 4 लाख गांठ कम है। कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएआई) ने एक बयान में कहा कि फसल वर्ष 2019-20 के दौरान कुल उत्पादन 360 लाख गांठ था। कपास फसल वर्ष एक अक्टूबर से शुरू होता है। सीएआई ने कहा कि देश के कुछ भागों में अत्यधिक बारिश और कीट (पिंक बॉलवर्म) संक्रमण से फसल को हुए नुकसान के कारण चालू फसल वर्ष में उत्पादन कम रहने का अनुमान है।
उद्योग संगठन ने फसल वर्ष 2020-21 में कपास की आपूर्ति 477.50 लाख गांठ रहने का अनुमान जताया है। इसमें 107.50 लाख गांठ पिछले साल का भंडार शामिल है। चालू फसल वर्ष से योगदान 356 लाख गांठ रहेगा, जबकि आयात का हिस्सा 14 लाख गांठ होगा। सीएआई के अनुसार घरेलू खपत 330 लाख गांठ रहने का अनुमान है, जबकि निर्यात 60 लाख गांठ अनुमानित है।
रेनबो इंडस्ट्रीज, निदेशकों के बैंक, डीमैट, म्यूचुअल फंड खाते जब्त करने का आदेश
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने रेनबो इंडस्ट्रीज एंड कंस्ट्रक्शन और इसके दो निदेशकों के बैंक खातों समेत म्यूचुअल फंड खाते भी जब्त करने का आदेश दिया है। यह आदेश 11 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली के लिए दिए गए हैं। सेबी के आदेश का पालन करने में विफल रहने के बाद बाजार नियामक ने कंपनी और उसके निदेशकों के खिलाफ यह कार्रवाई शुरू की है। सेबी ने नवंबर 2018 में कंपनी और उसके निदेशकों को निवेशकों का 11.36 करोड़ रुपये लौटाने का निर्देश दिया था।
कंपनी ने यह राशि सार्वजनिक निर्गम से जुड़े नियमों का पालन किए बगैर भुनाने योग्य तरजीही शेयर जारी कर जुटाए थे। कंपनी ने 5,379 व्यक्तियों से 2011-12 में छह करोड़ रुपये और 2012-13 में 4,673 लोगों से 5.36 करोड़ रुपये जुटाए थे। शुक्रवार को जारी आदेश में सेबी ने बैंक और जमाकर्ताओं के रेनबो या उसके निदेशक निधि योगेंद्र और धीरेन रवानी के खातों से किसी भी तरह की निकासी पर रोक लगा दी। हालांकि ऋण की सुविधा दी गयी है। सेबी ने एक अलग आदेश में नरेंद्र वल्लभजी बाहुवा के बैंक और डीमैट खातों पर लेनदेन की रोक लगा दी। यह रोक उनसे 5.73 लाख रुपये की वसूली के लिए लगाई गई है।