नई दिल्ली। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की योजना नोटबंदी के प्रभाव का ऑडिट करने और इसके सरकार के राजस्व पर पड़े असर का आकलन करने की है। कैग शशिकान्त शर्मा ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि ऑडिटर ने नई वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था के तहत कर राजस्व का ऑडिट करने की तैयारी कर रहा है। इसके अलावा उसने क्षमता निर्माण और अपने ऑडिट के तरीके और प्रक्रियाओं का पुनर्गठन शुरू किया है।
विशेष ऑडिट के तहत कैग ने पहले ही कृषि फसल योजना और बाढ़ नियंत्रण एवं बाढ़ अनुमान का ऑडिट पूरा कर लिया है। अब वह शिक्षा के अधिकार, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन, रक्षा पेंशन, गंगा पुनरोद्धार का ऑडिट कर रहा है। शर्मा ने कहा कि इनकी ऑडिट रिपोर्ट चालू साल के अंत तक तैयार हो जाएंगी।
शर्मा ने जोर देकर कहा कि कैग के पास सरकार के राजस्व और व्यय से किसी तरह का संबंध रखने वाले निकाय या प्राधिकरणों के ऑडिट का अधिकार है। कई शहर विकास निकायों, डिस्कॉम और मेट्रो निगमों का इसको लेकर विरोध खत्म हो जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारी योजना नोटबंदी के वित्तीय प्रभाव से संबंधित कुछ मुद्दों का ऑडिट करने की है। विशेषरूप से इसके कर राजस्व पर पड़ने वाले असर को लेकर।
सरकार ने पिछले साल आठ नवंबर को 500 और 1,000 का नोट बंद करने की घोषणा की थी। इसके अलावा पुराने नोटों में बेहिसाबी धन रखने वालों के लिए कर माफी योजना भी शुरू की है। कैग के ऑडिट में नोटों की छपाई पर खर्च, रिजर्व बैंक के लाभांश भुगतान और बैंकिंग लेनदेन आंकड़ों को शामिल किया जाएगा।