नई दिल्ली। सरकारी आडिटर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का परिचालन करने वाली साझा कंपनी डायल तथा सार्वजनिक क्षेत्र के भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के खातों का ऑडिट शुरू कर दिया है। डयल जीएमआर की अगुवाई वाली कंपनी है और उसे दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय एरोड्रम के लिए जमीन का पट्टा देने में कथित अनियमितताओं की आशंकाओं के बीच यह ऑडिट किया जा रहा है।
दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा लि. (डायल) एक संयुक्त उद्यम है जिसमें विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत जीएमआर समूह की हिस्सेदारी 64 फीसदी है। सार्वजनिक क्षेत्र की भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के पास इसकी 26 फीसदी हिस्सेदारी है। शेष 10 फीसदी हिस्सेदारी जर्मनी की फ्रापोर्ट के पास है। नागर विमानन सचिव आर एन चौबे ने कहा, कैग ने डायल और एएआई के खातों की जांच शुरु कर दी है। यह प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि नागर विमानन मंत्रालय यह ऑडिट चाहता है और इस प्रक्रिया से संबंधित सभी दस्तावेज डायल द्वारा एएआई को सौंप दिए गए हैं। कैग ने 2011 में दिल्ली हवाई अड्डे का भी ऑडिट किया था।
दिल्ली एयरपोर्ट के साथ संयुक्त उद्यम करार के तहत एएआई को डायल की आमदनी में 46 फीसदी हिस्सा पाने का अधिकार है। यह ऑडिट ऐसे समय किया जा रहा है जबकि आयकर विभाग डायल-एएआई सौदे में कथित वित्तीय अनियमितताओं और संदिग्ध टैक्स चोरी की जांच कर रहा है। इसी बारे में आयकर विभाग ने गत 22 जून को करीब आधा दर्जन शहरों में छापेमारी की। ऑडिट शुरू होने से पहले जीएमआर इन्फ्रास्ट्रक्चर और एएआई में कैग से खातों के ऑडिट को लेकर विवाद था। सरकार ने 25 फरवरी को लोकसभा को सूचित किया था कि एआईआई ने अपने संयुक्त उद्यम भागीदारों जीएमआर और जीवीके से दिल्ली और मुंबई हवाईअड्डों के कैग से ऑडिट के लिए दस्तावेज मांगे थे।
यह भी पढ़ें- कैग ने की केंद्र सरकार की खिंचाई, कहा निगरानी नहीं होगी तो कैसे पता चलेगा पैसे सही काम में खर्च हुए या नहीं