नई दिल्ली। बेहतर मानसून तथा कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि के मद्देनजर घरेलू मांग बढ़ने से देश का चालू खाते का घाटा GDP मौजूदा वित्त वर्ष में बढ़कर 1.6 फीसदी हो सकता है। वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी नोमुरा ने एक रिपोर्ट में यह बात कही। रिपोर्ट के मुताबिक इस साल डिमांड बढ़ने के कई बड़े कारण हैं, इस साल बेहतर मानसून, सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के लागू होने के मद्देनजर मांग में वृद्धि को देखते हुए देश की घरेलू मांग बढ़ेगी।
नोमुरा ने कहा, हमारा मानना है कि वित्त वर्ष 2015-16 के मुकाबले 2016-17 में चालू खाते का घाटा बढ़कर 1.6 फीसदी रहेगा।
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पिछले वित्त वर्ष में हमने चालू खाते का घाटा (सीएडी) 0.9 फीसदी रहने का अनुमान जताया था। इसका कारण बेहतर मानसून, कर्मचारियों के वेतन बढ़ने तथा मौजूदा सार्वजनिक पूंजी व्यय से मांग में वृद्धि होना है। व्यापार घाटे में गिरावट के कारण कैड अप्रैल-दिसंबर में कम होकर 1.4 फीसदी रहा जो 2014-15 की इसी अवधि में 1.7 फीसदी रहा था।
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