कोलकाता। कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (CACP) ने केन्द्र सरकार से प्रौद्योगिकी उन्नयन में किसानों के निवेश को बढ़ाने के मकसद से गैर-फसली कृषि ऋण पर भी ब्याज सहायता दिए जाने की सिफारिश की है।
यह भी पढ़ें : नोटबंदी पर संसद की लोक लेखा समिति ने RBI गवर्नर उर्जित पटेल को किया तलब, पूछे ये 10 सवाल
CACP के अध्यक्ष विजय पॉल शर्मा ने कहा
प्रधानमंत्री के साथ नीति आयोग की हाल की बैठक में हमने गैर फसली कृषि ऋण पर भी ब्याज सहायता का लाभ उपलब्ध कराने की सिफारिश की है।
यह भी पढ़ें : Go, hurry: Snapdeal पर शुरू हुई ‘Welcome 2017’ सेल, गारमेंट्स व मोबाइल पर मिलेगा 70% तक डिस्काउंट
- भारत चैम्बर ऑफ कॉमर्स द्वारा कृषि व्यवसाय में उभरती प्रवृत्तियां विषय पर आयोजित वार्ता सत्र में शर्मा ने कहा कि फसली ऋण और गैर फसल-ऋण में भेद करने की कोई आवश्यकता नहीं है और आगामी बजट के लिए यह सिफारिश वित्त मंत्रालय से की गई है।
- उन्होंने कहा कि सरकार कृषि क्षेत्र में फसल ऋण पर तीन प्रतिशत की ब्याज सहायता देती है। फसल ऋण कुल कृषि ऋण का 85 प्रतिशत तक होता है। चालू वित्त वर्ष के दौरान कृषि ऋण 9 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच जाने का अनुमान है।