नई दिल्ली। कैबिनेट सचिव पी. के. सिन्हा ने 2015 तक देश की अर्थव्यवस्था 5000 अरब (5 ट्रिलियन) डॉलर करने का लक्ष्य पूरा करने के लिए विजन, नीतियों, निवेश और विभागीय जिम्मेदारियों पर चर्चा करने के लिए आज (सोमवार) बैठक बुलाई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को 2019-20 केंद्रीय बजट भाषण में इसकी घोषणा की थी।
सिन्हा ने बैठक में समूहों- सामाजिक, स्वास्थ्य, वित्त और आर्थिक के आठ सचिवों को लिया गया है जो इस लक्ष्य को पाने और विभागों की जिम्मेदारियां तक करने के लिए अपना रोडमैप प्रदर्शित करेंगे। वित्तीय समूह में वित्त, राजस्व, व्यय, डीएफएस, एमसीए, डीआईपीएएम और डीपीई के सचिव हैं।
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आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सभी समूह समग्र रूप से देखेंगे कि 2022 तक कौन सा सेक्टर वार्षिक के साथ-साथ मध्यावधि में योगदान दे सकता है। निर्मला ने शुक्रवार को बजट पेश करते हुए कहा था कि भारत की अर्थव्यवस्था 2014 में 1850 अरब डॉलर से अब 2700 अरब डॉलर की संख्या पर पहुंच चुकी है। हम अगले पांच सालों में बहुत आसानी से 5000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सकते हैं।
सत्र 2014-25 के लिए आधारभूत ढांचे, डिजिटल अर्थव्यवस्था में निवेश और निवेश चक्र शुरू करने के लिए नवोन्मेषों के प्रस्ताव की जररूत होगी। आर्थिक सर्वे में वित्त वर्ष 2020 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर पिछले साल के 6.8 से बढ़ाकर सात प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है और 5000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लिए सर्वे में जो रोडमैप बताया गया है, उसमें बताया गया है कि भारत को आठ प्रतिशत की दर से वृद्धि करनी होगी।
पिछले वित्त वर्ष में धीमी वृद्धि और निवेश के साथ-साथ मांग और आपूर्ति के कारण अर्थव्यवस्था पांच साल में सबसे ज्यादा गिरावट के कारण जीडीपी वृद्धि 6.8 प्रतिशत रही है। आर्थिक सर्वेक्षण में आर्थिक वृद्धि के लिए उज्जवल संभावनाएं दर्शाई गई हैं।