नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को सार्वजनिक क्षेत्र की भारतीय खाद्य निगम (FCI) के करीब 35,000 कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया है। मंत्रिमंडल ने नई पेंशन योजना और सेवानिवृत्ति बाद चिकित्सा सुविधा लाभ को मंजूरी दे दी है। इससे पर सालाना 134.4 करोड़ रुपए की लागत आएगी। गौरतलब है कि एफसीआई के कर्मचारी 2006 से पेंशन लाभ की मांग कर रहे हैं।
केंद्रीय मंत्रिमंडल की हुई बैठक के बाद खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने बताया, कैबिनेट ने एक बड़ा फैसला लिया। एफसीआई के कर्मचारियों के लिए सेवानिवृत्ति लाभ के तहत पेंशन योजना शुरू करने और सेवानिवृत्ति बाद चिकित्सा सुविधा को मंजूरी दी गई है। पासवान ने कहा कि इसका पूरा बोझ एफसीआई उठाएगा। एफसीआई ने परिवहन और भंडारण में अनाज नुकसान में कमी कर भारी राशि की बचत की है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि एफसीआई कर्मचारियों को पेंशन एक दिसंबर, 2008 से दी जाएगी। वहीं चिकित्सा सेवाएं सभी श्रेणियों के सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए एक अप्रैल, 2016 से लागू होंगी।
बयान में कहा गया है कि एफसीआई के कर्मचारियों के वेतन के मौजूदा स्तर के हिसाब से दोनों योजनाओं से उस पर 134.4 करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा। निगम के वेतन रजिस्टर पर एक दिसंबर, 2008 या उसके बाद नियुक्त श्रेणी एक, दो, तीन और चार के सभी कर्मचारी इस योजना के दायरे में आएंगे। सेवानिवृत्ति से पहले मृत्यु के मामले को छोड़कर कम से कम 15 साल की सेवा पूरा करने वाले कर्मचारी इसके पात्र होंगे। एक दिसंबर, 2008 से सभी कर्मचारियों के लिए नियोक्ता का योगदान मूल वेतन तथा महंगाई भत्ते का 10 फीसदी होगा। वहीं कर्मचारियों का अनिवार्य योगदान मूल वेतन और महंगाई भत्ते का दो प्रतिशत मासिक होगा। कर्मचारियों का स्वैच्छिक योगदान मूल वेतन और डीए का 25 प्रतिशत मासिक तक हो सकता है।
पासवान ने कहा जहां तक सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए चिकित्सा सेवा लाभ का सवाल है, इसका लाभ सभी कर्मचारी ले सकते हैं। इनमें वे सेवानिवृत कर्मचारी भी हैं जो सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए कर्मचारी वित्तपोषित चिकित्सा स्वास्थ्य योजना के सदस्य हैं। सेवानिवृत्ति से पहले मृत्यु के मामले को छोड़कर कम से कम 15 साल की सेवा पूरा करने वाले कर्मचारी इसके पात्र होंगे। नियोक्ता का योगदान मूल वेतन जमा डीए का 3.83 फीसदी होगा। वहीं कर्मचारी का योगदान सेवाकाल के दौरान सेवानिवृत्ति या मृत्यु के समय आखिरी वेतन और डीए होगा। इसकी न्यूनतम सीमा 10,000 रुपए रहेगी।