नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रीमंडल हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPCL) में सरकार की 51 प्रतिशत हिस्सेदारी तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ONGC) को बेचने के बारे में इसी महीने फैसला कर सकता है। यह बिक्री सौदा 26,000 करोड़ रुपए से अधिक में होने की उम्मीद है।
वित्त मंत्रालय में निवेश एवं सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन (दीपम) विभाग इस बारे में एक नोट मंत्रीमंडल के विचारार्थ बढ़ा रहा है। इसके तहत HPCL में सरकार की समूची 51.11 प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री ओएनजीसी को की जाएगी।
सरकार के एक सूत्र ने कहा कि मंत्रीमंडल इसी महीने इस प्रस्ताव पर विचार कर सकता है। यह मामला मंत्रीमंडल के समक्ष 10 से 15 दिन में भी आ सकता है। मंत्रीमंडल की मंजूरी के बाद सरकार मूल्यांकन और लेनदेन सलाहकार की नियुक्ति कर सकती है। वहीं ओएनजीसी भी सरकार की हिस्सेदारी के मूल्यांकन के लिए मर्चेंट बैंकरों की नियुक्ति कर सकती है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट में एकीकृत पेट्रोलियम कंपनी बनाने की घोषणा की थी। इसी के अनुरूप ओएनजीसी HPCL या भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (BPCL) के अधिग्रहण के विकल्प तलाश रही थी। ओएनजीसी ने पाया था कि बीपीसीएल का अधिग्रहण काफी महंगा बैठेगा। ओएनजीसी ने इसकी सूचना पेट्रोलियम मंत्रालय को दी थी, जिसने यह मामला दीपम को भेज दिया था।