नई दिल्ली: केंद्र सरकार Budget पेश करने के लिये एक फरवरी की तारीख तय कर सकती है। पांच राज्यों में आसन्न विधानसभा चुनावों के मद्देनजर इस बारे में उसे चुनाव आयोग की मंजूरी मिल गयी है। सरकार ने बजट एक महीना पहले पेश करने का फैसला किया था पर उसका यह विचार था कि इसे उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में विधानसभा चुनाव के मध्य में पेश नहीं किया जाएगा। इसीलिए उसने इस बारे में चुनाव आयोग से संपर्क किया।
यह भी पढ़ें : दुनिया में भारत का है अहम स्थान, लेकिन अभी और बेहतर करना बाकी : Arun Jaitley
एक-दो दिन में फैसला संभव
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बुधवार या गुरूवार को बैठक होगी
- जिसमें 2017-18 के लिये वित्त मंत्री अरूण जेटली द्वारा बजट पेश किये जाने की तारीख के बारे में निर्णय किया जाएगा।
चुनाव आयोग ने जताई सहमति
- चुनाव आयोग ने वित्त मंत्रालय के विचार से सहमति जतायी कि यह एक सालाना वित्तीय लेखा-जोखा है और सरकार की सहूलियत के हिसाब से कभी भी पेश किया जा सकता है।
मंत्रिमंडल ने पिछली बैठक में दी थी सैद्धांतिक मंजूरी
- मंत्रिमंडल ने 21 सितंबर को सैद्धांतिक रूप से केंद्रीय बजट फरवरी महीने के अंतिम दिन पेश किये जाने के उपनिवेशिक काल से चली आ रही परंपरा को समाप्त करने और इसे एक महीने पहले पेश करने का फैसला किया।
- इसका मकसद सालाना व्यय योजना और कर प्रस्तावों के लिये विधायी प्रक्रिया एक अप्रैल से शुरू नये वित्त वर्ष से पहले समाप्त करना है।
बजट प्रक्रिया हो जाएगी तेज
- जेटली ने पिछले सप्ताह कहा था, हम पूरी बजट प्रक्रिया और वित्त विधेयक पहले पारित कराकर इसे एक अप्रैल से लागू करना चाहते हैं न कि जून से। क्योंकि उसके बाद मानसून शुरू हो जाता है और व्यय प्रभावी तरीके से अक्तूबर से शुरू हो पाता है।
- उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि व्यय अप्रैल से शुरू हो जाए।
- जेटली ने कहा कि हम इस संबंध में समन्वय चाहते हैं ताकि बजट की घोषणा चुनाव के बीच न हो।
- यह उसके पहले या बाद में होना चाहिए।
वित्त मंत्रालय प्रस्ताव करता रहा है कि बजट एक फरवरी को पेश किया जाए और पूरी प्रक्रिया 24 मार्च तक संपन्न हो जाए।