नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार बुधवार को देश के 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बड़ा ऐलान कर सकती है। माना जा रहा है कि कैबिनेट की बैठक में अलाउंसेज और HRA से जुड़े कैबिनेट नोट को चर्चा के बाद स्वीकार किए जाने की उम्मीद है। आपको बता दें कि पिछले साल 28 जून को ही सरकार ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने का फैसला लिया थाष सरकार ने वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू करने का ऐलान किया था, लेकिन वेतन आयोग की कई सिफारिशों के बाद केंद्रीय कर्मचारियों ने कई मुद्दों पर अपनी आपत्ति जताई थी। इन मुद्दों में अलाउंसेस को लेकर विवाद भी था। यह भी पढ़े: खत्म होगा सस्ती कॉल और सस्ते डेटा का दौर, टेलीकॉम कंपनियां कर रही है कीमतें बढ़ाने की तैयारी!
27 अप्रैल समिति ने सौंपी थी अपनी रिपोर्ट
सरकार ने इसके लिए एक समिति का गठन किया था। समिति ने अपनी रिपोर्ट 27 अप्रैल को वित्तमंत्री को सौंप दी थी। वित्त मंत्रालय की ओर से यह रिपोर्ट अधिकार प्राप्त सचिवों की समिति को भेजा गया था। इस रिपोर्ट पर चर्चा के बाद 1 जून को सचिवों की अधिकार प्राप्त समिति ने एक कैबिनेट नोट तैयार किया। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो बुधवार को होने वाली केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इस बारे में फैसला हो सकता है। यह साफ नहीं है कि यह नोट इस बार की बैठक में रखा जाएगा। सूत्रों का कहना है कि ऐसा हो सकता है।यह भी पढ़े: 7th Pay Commission: लवासा समिति ने भत्तों पर अपनी रिपोर्ट सौंपी जेटली को, 52 अलाउंस खत्म करने का सुझाव
अलाउंसेस को लेकर की गई कुछ सिफारिशों में संशोधन के सुझाव
सूत्रों का कहना है कि कर्मचारियों से चर्चा के लिए बनी लवासा समिति ने सातवें वेतन आयोग की अलाउंसेस को लेकर की गई कुछ सिफारिशों में संशोधन के सुझाव दिए हैं। आपको बता दें कि सातवां वेतन आयोग से पहले केंद्रीय कर्मचारी 196 किस्म के अलाउंसेस के हकदार थे। लेकिन सातवें वेतन आयोग ने कई अलाउंसेस को समाप्त कर दिया या फिर उन्हें मिला दिया जिसके बाद केवल 55 अलाउंस बाकी रह गए। तमाम कर्मचारियों को कई अलाउंस समाप्त होने का मलाल है। यह भी पढ़े: पैसों की जरूरत होने पर पर्सनल लोन की जगह अपना सकते हैं ये रास्ता, नहीं देना होगा ज्यादा ब्याज
अभी तक सातवें वेतन आयोग पर क्या हुआ
सातवें वेतन आयोग (Seventh Pay Commission) द्वारा केन्द्रीय कर्मचारियों को दिए जाने वाले कई भत्तों को लेकर असमंजस की स्थिति है। नरेंद्र मोदी सरकार ने 2016 में सातवें वेतन आयोग (7th Pay Commission) की सिफारिशों को मंजूरी दी थी और 1 जनवरी 2016 से 7वें वेतन आयोग की रिपोर्ट को लागू किया था। लेकिन, भत्तों के साथ कई मुद्दों पर असहमति होने की वजह से इन सिफारिशें पूरी तरह से लागू नहीं हो पाईं। अब जब अशोक लवासा समिति ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है और जल्द ही वित्तमंत्री अरुण जेटली इस रिपोर्ट पर कोई अंतिम फैसला सरकार की ओर से ले लेंगे। यह भी पढ़े: GST की प्रस्तावित 28 प्रतिशत दर से IT हार्डवेयर महंगे होने की संभावना, उद्योग ने की 18 फीसदी टैक्स लगाने की मांग
HRA को लेकर क्या है मामला
वेतन आयोग (पे कमीशन) ने अपनी रिपोर्ट में एचआरए को आरंभ में 24%, 16% और 8% तय किया था और कहा गया था कि जब डीए 50 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा तो यह 27%, 18% और 9% क्रमश: हो जाएगा। इतना ही नहीं वेतन आयोग (पे कमिशन) ने यह भी कहा था कि जब डीए 100% हो जाएगा तब यह दर 30%, 20% और 10% क्रमश एक्स, वाई और जेड शहरों के लिए हो जाएगी। कर्मचारियों का कहना है कि वह इस दर को बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।