नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को वित्त विधेयक, 2021 में किये किये गये आधिकारिक संशोधनों को मंगलवार को मंजूरी दे दी। इन संशोधनों का मकसद 2021-22 के लिये कर प्रस्तावों को युक्तिसंगत बनाना और चीजों को स्पष्ट करना है। प्रस्तावों को स्पष्ट करने, उसे युक्तिसंगत बनाने तथा वित्त विधेयक के प्रस्तावों को लेकर संबंधित पक्षों में चिंताओं को दूर करने के लिये संशोधन जरूरी थे। यह वित्त विधेयक 28 मार्च 2021 को राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद वित्त कानून, 2021 बन गया है। आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार सरकार द्वारा वित्त विधेयक, 2021 में संशोधनों का मकसद विभिन्न कर प्रस्तावों पर संबंधित पक्षों की चिंताओं को दूर करना है। इसमें कहा गया है कि वित्त विधेयक 2021 में संशोधन करने का प्राथमिक उद्देश्य सरकारी खजाने में समय पर राजस्व सृजन करना और करदाताओं और अन्य पक्षों द्वारा उठाये गये मुद्दों का समाधान करना है।
इसके साथ ही प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बैंगलोर मेट्रो रेल परियोजना के कुल 58.19 किलोमीटर लंबे चरण 2ए (सेंट्रल सिल्क बोर्ड जंक्शन से के.आर. पुरम तक) और चरण 2बी (हेब्बल जंक्शन के रास्ते के.आर. पुरम से हवाई अड्डे तक) को मंजूरी दे दी। परियोजना की कुल लागत 14,788.101 करोड़ रुपए आंकी गई है। उम्मीद जताई जा रही है कि परियोजना के कार्यान्वयन से बैंगलोर को बेहद जरूरी अतिरिक्त सार्वजनिक परिवहन बुनियादी ढांचा उपलब्ध होगा।
वहीं केंद्रीय मंत्रिमंडल ने तालचेर फर्टिलाइजर्स लि. द्वारा कोयला गैसीफिकेशन के जरिये उत्पादित यूरिया के लिए एक विशिष्ट सब्सिडी योजना को मंजूरी दी है। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं को यह जानकारी दी। गोयल ने कहा कि इससे सालाना 12.7 लाख टन यूरिया आयात कम करने में मदद मिलेगी जिससे विदेशी मुद्रा बचाई जा सकेगी। उन्होंने कहा कि भारत में अपनी तरह की इस पहली परियोजना की लागत 13,277 करोड़ रुपये बैठेगी। भारत में यूरिया सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला उर्वरक है।