नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए कई अहम फैसले लिए गए। इनके तहत कोयला खनन और संबंधित बुनियादी ढांचे में स्वत: मंजूरी मार्ग से शत प्रतिशत विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। इसके अलावा कॉन्ट्रैक्ट मैन्यूफैक्चरिंग में भी स्वत: मंजूरी मार्ग से 100 प्रतिशत एफडीआई को अनुमति दी गई है।
रेल एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने केंद्रीय कैबिनेट के फैसलों के बारे में बताते हुए कहा कि भारत को दुनिया के लिए विनिर्माण केंद्र बनाने, रोजगार पैदा करने और आर्थिक सुस्ती को दूर भगाने के उद्देश्य से मैन्यूफैक्चरिंग में शत प्रतिशत निवेश को मंजूरी प्रदान की गई है। इससे देश में बड़ी मात्रा में निवेश आएगा।
मंत्रिमंडल ने सिंगल ब्रांड रिटेल क्षेत्र के लिए एफडीआई नियमों को उदार बनाने को मंजूरी दी है। इसके लिए 30 प्रतिशत घरेलू खरीद की परिभाषा का विस्तार किया गया है। अभी तक 30 प्रतिशत स्थानीय खरीद की शर्त थी जिसमें अब ढील दी गई है। पहले कोई भी विदेशी कंपनी तब तक ऑनलाइन स्टोर नहीं खोल सकती थी जब तक वो 30 प्रतिशत स्थानीय खरीद की शर्त पूरा करते हुए कोई ऑफलाइन स्टोर ना खोल ले। अब ऐसा नहीं है। अब कंपनी 30 प्रतिशत स्थानीय खरीद की शर्त पूरा करते हुए पहले ऑनलाइन स्टोर खोल सकती है। इससे उनका स्टोर खोलने का खर्च कम होगा। निर्यात को भी अब स्थानीय खरीद से जोड़ गया है।
पीयूष गोयल ने कहा कि अभी तक टीवी और अखबार में सरकारी मंजूरी के साथ 26 प्रतिशत विदेशी निवेश को मंजूरी मिली हुई है लेकिन अब सरकार ने डिजिटल मीडिया में भी सरकारी मंजूरी के साथ 26 प्रतिशत एफडीआई को अपनी मंजूरी दी है।
गोयल ने बताया कि 2014 से लेकर 2018 तक पांच सालों में देश में कुल 286 अरब डॉलर का विदेशी निवेश आया है। वित्त वर्ष 2018-19 के प्रारंभिक आंकड़ों के मुताबिक कुल 64.37 अरब डॉलर का विदेशी निवेश आया है, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है।