नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों को तेजी से बढ़ावा देने की योजना फेम के दूसरे चरण के लिए 10,000 करोड़ रुपए के कार्यक्रम को गुरुवार को मंजूरी दे दी। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने यहां मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं को यह जानकारी दी।
कुल 10,000 करोड़ रुपए के व्यय वाले बहुप्रतीक्षित फास्टर एडोप्शन एंड मैनुफैक्चरिंग ऑफ हाइब्रिड एंड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (फेम-2) कार्यक्रम तीन साल की अवधि के लिए होगा और यह एक अप्रैल 2019 से लागू होगा।
योजना का मुख्य मकसद इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर सब्सिडी के जरिये इलेक्ट्रिक तथा हाइब्रिड वाहनों को तेजी से प्रोत्साहन देना है। साथ ही इस मकसद हेतु इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग संबंधी ढांचागत सुविधा को भी बढ़ावा दिया जाएगा।
वोडाफोन-आइडिया के 25,000 करोड़ रुपए एफडीआई जुटाने के प्रस्ताव को मंजूरी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दूरसंचार सेवा प्रदाता वोडाफोन-आइडिया के राइट इश्यू के जरिए 25,000 करोड़ रुपए तक का विदेशी निवेश (एफडीआई) जुटाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
वोडाफोन आइडिया लिमिटेड के निदेशक मंडल ने पिछले महीने उसके मौजूदा पात्र इक्विटी अंशधारकों को राइट इश्यू जारी कर 25,000 करोड़ रुपए जुटाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी। प्रस्तावित राइट इश्यू से वोडाफोन आइडिया को भारत में रिलायंस जियो सहित अन्य दूरसंचार कंपनियों को कड़ी टक्कर देने में मदद मिलेगी।
एअर इंडिया, अनुषंगियों के ऋण हस्तांतरण के लिए विशेष उद्देशीय कंपनी के गठन को मंजूरी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एअर इंडिया के 29,464 करोड़ रुपए के ऋण और उसकी चार अनुषंगियों को एक अलग कंपनी के हवाले करने के वास्ते विशेष उद्देश्यीय कंपनी (एसपीवी) एअर इंडिया एसेट्स होल्डिंग के गठन को मंजूरी दे दी।
इस एसपीवी को एअर इंडिया की अनुषंगियों -एअर इंडिया एयर ट्रांसपोर्ट सविर्सेस, एयरलाइन एलाइड सर्विसेस, एअर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेस लिमिटेड और होटल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया- का हस्तांतरण किया जाएगा। इसके अलावा पेंटिंग और कलाकृतियों जैसी गैर-मुख्य परिसंपत्तियां और अन्य गैर-परिचालित परिसंपत्तियां भी इस एसपीवी को हस्तांतरित की जाएंगी। एयर इंडिया की ये अनुषंगियां और परिसंपत्तियां सरकार द्वारा एअर इंडिया के रणनीतिक विनिवेश का हिस्सा नहीं है।
आधार सहित अन्य कानूनों में संशोधन के लिए अध्यादेश को मंजूरी
मंत्रिमंडल ने बैंक खाता खोलने और मोबाइल फोन कनेक्शन के लिए पहचान पत्र के रूप में आधार के स्वैच्छिक इस्तेमाल की अनुमति देने के वास्ते अध्यादेश जारी करने को मंजूरी दे दी।
यह अध्यादेश इसलिए आवश्यक हो गया था कि चार जनवरी को लोकसभा में इससे संबंधित संशोधनों को पारित किए जाने के बावजूद इससे जुड़ा विधेयक राज्यसभा में अटक गया था। ऐसे में लोकसभा भंग होने के बाद यह निष्प्रभावी हो जाता। इस अध्यादेश से आधार अधिनियम में संशोधन प्रभावी हो जाएंगे।