नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) को 100 प्रतिशत सरकारी कंपनी बनाने के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी है। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि मंत्रिमंडल ने जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) को सरकारी कंपनी में परिवर्तित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
जेटली ने मंत्रिमंडल के फैसलों की संवाददाताओं को जानकारी देते हुए कहा कि इसमें 50 प्रतिशत हिस्सेदारी केंद्र और शेष हिस्सेदारी समानुपातिक आधार पर राज्यों की होगी। फिलहाल जीएसटी नेटवर्क कंपनी में केंद्र तथा राज्यों की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है। यह कंपनी नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था को आईटी ढांचा सुविधा उपलब्ध कराती है।
शेष 51 प्रतिशत हिस्सेदारी निजी क्षेत्र के पांच वित्तीय संस्थान एचडीएफसी लिमिटेड, एचडीएफसी बैंक लिमिटेड, आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज रणनीतिक निवेश कंपनी तथा एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड के पास है।
जीएसटी परिषद इससे पहले जीएसटीएन को 100 प्रतिशत सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी में बदलने को मंजूरी दे चुकी है। संप्रग सरकार ने जीएसटीएन का गठन 28 मार्च 2013 को एक निजी लिमिटेड कंपनी के रूप में किया था। इसे नए कंपनी कानून की धारा आठ के तहत मुनाफे के लिए काम नहीं करने वाली कंपनी के तौर पर गठित किया गया है।