नई दिल्ली। कैबिनेट ने राजकोषीय घाटे के लक्ष्य पर 14वें वित्त आयोग की सिफारिशों को मंजूरी दे दी है। वित्त आयोग ने राज्यों के लिए राजकोषीय घाटे को राज्य सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के सामान्यतः: तीन फीसदी तक सीमित रखने की सिफारिश की है। इसमें साल-दर-साल कुछ अतिरिक्त घाटे के लिए छूट दी गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में लचीलेपन के दो विकल्पों के साथ इन सिफारिशों को मंजूरी दी गई।
अधिकतम 0.5 फीसदी तक के घाटे की गुंजाइश
कैबिनेट की मंजूरी के मुताबिक राज्यों को किसी वर्ष में तीन फीसदी की सामान्य सीमा पर अधिकतम 0.5 फीसदी तक के घाटे की गुंजाइश होगी। यह गुंजाइश उन्हीं राज्यों के लिए होगी जिनका पिछले दो साल का कर्ज-जीएसडीपी अनुपात और ब्याज भुगतान-राजस्व प्राप्ति अनुपात अनुकूल होगा। बयान में कहा गया है कि वर्ष 2015-16 पहले ही समाप्त हो चुका है ऐसे में राज्यों को 2015-16 के लिए अतिरिक्त कर्ज पर कोई लाभ नहीं मिलेगा। हालांकि इसकी शेष अवधि 2016-17 से 2019-20 के दौरान यह संबंधित राज्यों के लिए तय मानकों पर आधारित होगा।
सरकार ने राष्ट्रीय जल विग्यान परियोजना को मंजूरी दी
सरकार ने 3,679 करोड़ रुपए की लागत वाली बहु-उद्देश्यीय राष्ट्रीय जल विग्यान परियोजना को मंजूरी दे दी। इसका मकसद बाढ़ के बारे में वास्तविक समय पर भविष्यवाणी के साथ अन्य आंकड़े उपलब्ध कराना है जिससे किसानों को अपने फसल प्रतिरूप की योजना बनाने में मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में परियोजना को मंजूरी देने का फैसला किया गया। परियोजना में जल संसाधन प्रबंधन को सुगम बनाना तथा पानी के उचित उपयोग सुनिश्चित करना शामिल है।