नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को हुई बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। इस बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की। बैठक में जीएसटी क्रियान्वयन से जुड़े आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट सक्षम को मंजूरी दी गई है। इस पर 2,256 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसके अलावा एक सार्वजनिक उपक्रम भारत केबल्स लिमिटेड को बंद करने का निर्णय लिया गया है, वहीं दूसरी ओर भारत पंप्स एंड कम्प्रेसर्स का रणनीतिक विनिवेश को मंजूरी दी गई है।
जीएसटी: आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 2,256 करोड़ रुपए मंजूर
- सीबीईसी की 2,256 करोड़ रुपए की आईटी टेक्नोलॉजी प्रोजेक्ट सक्षम को मंजूरी मिल गई है।
- इसके तहत सीबीईसी की प्रणाली को प्रस्तावित नई जीएसटी प्रणाली के नेटवर्क के साथ एकीकृत किया जाएगा।
- प्रोजेक्ट के जरिए सीबीईसी के आईटी ढांचे को एक अप्रैल, 2017 से पहले जीएसटी के लिए तैयार रखने का लक्ष्य है।
भारत पंप्स एंड कम्प्रेसर्स
- इलाहबाद स्थित भारत पंप्स एंड कम्प्रेसर्स लिमिटेड के रणनीतिक विनिवेश को सैद्धांतिक तौर पर मंजूरी मिली।
- रणनीतिम विनिवेश के तहत उपक्रम में सरकार की 50 फीसदी अथवा इससे अधिक हिस्सेदारी बेची जाती है और प्रबंधन नियंत्रण भी दूसरे हाथों में हस्तांतरित कर दिया जाता है।
- भारत पंप्स एंड कम्प्रेसर्स लि. को 111.59 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराए जाने को भी मंजूरी मिली है।
- वित्तीय सहायता से सेवानिवृत्त कर्मचारियों की भविष्य निधि और ग्रेच्युटी का भुगतान हो सकेगा और सीआईएसएफ बकाया भी चुकाया जा सकेगा।
रेलकर्मियों को 78 दिन का बोनस
- रेल कर्मचारियों को 78 दिन के वेतन के बराबर उत्पादकता आधारित बोनस दिए जाने के प्रस्ताव को मिली मंजूरी।
- यह लगातार पांचवां साल है जब रेलकर्मियों को इस स्तर का बोनस मिलेगा।
- बोनस की गणना के लिए वेतन सीमा इस बार 3500 रुपए से बढ़ा कर 7000 रुपए की गई है।
- रेलवे के करीब 12 लाख कर्मचारियों को हर साल दशहरा त्योहार से पहले उत्पादकता आधारित बोनस दिया जाता है।
- इससे रेलवे पर 2,090.96 करोड़ रुपए को बोझ पड़ेगा।
हिंदुस्तान केबल्स होगी बंद
- सार्वजनिक क्षेत्र की हिंदुस्तान केबल्स लि. (एचसीएल) को बंद करने के लिए 4,777.05 करोड़ रुपए का पैकेज मंजूर।
- इस कोष का उपयोग कंपनी के कर्मचारियों के बकाया वेतन के भुगतान, वीआरएस की पेशकश तथा सरकारी कर्ज को शेयर में तब्दील करने में किया जाएगा।
- यह मंजूरी कंपनी कानून 1956: 2013, औद्योगिक विवाद कानून, 1947 और अन्य प्रासंगिक कानूनों के तहत दी गई है।
- कंपनी की संपत्ति का निपटान लोक उपक्रम विभाग के वित्तीय रूप से रूग्ण केंद्र लोक उपक्रमों के लिए जारी निर्देश के तहत होगा।
- स्वीकृत पैकेज के तहत कंपनी को 1,309.90 करोड़ रुपए नकद और 3,467.15 करोड़ रुपए गैर-नकद सहायता के रूप में प्राप्त होंगे।
- कंपनी में जनवरी 2003 से कोई उत्पादन नहीं हो रहा। कंपनी के कर्मचारी 1997 के वेतनमान पर वेतन आदि प्राप्त कर रहे हैं।
- एचसीएल की स्थापना 1952 में हुई थी। इसकी चार विनिर्माण इकाइयां हैं जो रूपनारायणपुर तथा नरेंद्रपुर (पश्चिम बंगाल), हैदराबाद (तेलंगाना) और नैनी (उत्तर प्रदेश) में है।
रूसी क्षेत्र में हिस्सेदारी खरीदने की मंजूरी
- सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों आईओसी, ओआईएल तथा बीपीसीएल के समूह को रूस के दो तेल क्षेत्रों में 3.14 अरब डॉलर में हिस्सेदारी खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली।
- आईओसी, ऑयल इंडिया तथा बीपीसीएल की एक इकाई रूस के पूर्वी साइबेरिया क्षेत्र में तास यूरयाख तेल क्षेत्र में 1.12 अरब डॉलर में 29.9 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदेगी।
- इसके अलावा ये कंपनियां रूस के ही वैन्कॉर तेल क्षेत्र में 2.02 अरब डॉलर में 23.9 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेंगी।