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बैटरी स्टोरेज के प्रोत्साहन के लिये 18,100 करोड़ रुपये की प्रोडक्शन लिंक्ड इनसेंटिव स्कीम को मंजूरी: जावड़ेकर

देश में मौजूदा समय में 2000 करोड़ रुपए का बैटरी स्टोरेज इक्विपमेंट इंपोर्ट किया जाता है, लेकिन कैबिनेट के आज के फैसले के साथ देश में उत्पादन बढ़ेगा और आयात में गिरावट दर्ज होने की उम्मीद है।

Edited by: India TV Paisa Desk
Updated on: May 12, 2021 16:12 IST
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Photo:PTI

बैटरी स्टोरेज के लिये PLI का ऐलान

नई दिल्ली। ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लक्ष्य की दिशा में सरकार ने बैटरी स्टोरेज के देश में उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए 18100 करोड़ रुपये की प्रोडक्शन लिंक्ड इनसेंटिव स्कीम को मंजूरी दे दी है। इस योजना की मदद से देश में बैटरी स्टोरेज इक्विमेंट का उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी और आयात पर निर्भरता कम होगी। साथ ही उत्पादन बढ़ने से सौर ऊर्जा एवं अन्य पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा स्रोतों का बेहतर इस्तेमाल किया जा सकेगा। जिसका फायदा इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़त से लेकर तेल आयात में कमी तक में देखने को मिल सकता है।

फैसले की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि आज पीएम मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई, उसमें मेक इन इंडिया को साकार करने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये है। जिसमें बैटरी स्टोरेज के देश में उत्पादन बढ़ाने के लिए भी फैसला हुआ है। बैटरी स्टोरेज के लिए प्रोडक्शन लिंक इंसेंटिव योजना घोषित की गई है जिसके जरिए उद्योगों को 18100 करोड़ रुपए के उत्पादन आधारित इन्सेंटिव दिये जायेंगे।

भारत में आने वाले सालों में ऊर्जा क्षेत्र में सौर ऊर्जा की हिस्सेदारी बढ़ाने का लक्ष्य है, और इसके लिये सेक्टर में 45000 करोड़ रुपए निवेश की योजना है। सरकार के मुताबिक पीएलआई स्कीम से आयात खर्च घटाने में मदद मिलेगी। दरअसल देश में मौजूदा समय में 2000 करोड़ रुपए का बैटरी स्टोरेज इक्विपमेंट इंपोर्ट किया जाता है, लेकिन कैबिनेट के आज के फैसले के साथ देश में उत्पादन बढ़ेगा और आयात में गिरावट दर्ज होने की उम्मीद है। साथ ही इससे इलेक्ट्रिकल व्हीकल और इलेक्ट्रिकल मोबिलिटी को भी बढ़ावा मिलेगा। सभी तरह के वाहनों में बैटरी का इस्तेमाल हो सकता है। लेकिन लंबे समय तक चलने वाली बैटरी और जल्दी चार्ज होने वाली बैटरी की आज ज्यादा जरूरत है, देश में ही उत्पादन बढ़ने से इस दिशा में भी प्रगति होने की उम्मीद है।

केंद्रीय मंत्री के मुताबिक हमारे यहां बैटरी स्टोरेज कम था, और इसका देश में उत्पादन नहीं होता था। वहीं भारत में 1.36 लाख मैगावाट का सौर ऊर्जा उ्त्पादन हो रहा है, लेकिन सौर उर्जा से तैयार होने वाली बिजली का उपयोग दिन में ही किया जा सकता है। उनके मुताबिक अगर बैटरी स्टोरेज होगा तो उसकी मदद से बिजली खपत के लिये नये विकल्प खुल जायेंगे। केंद्रीय मंत्री के मुताबिक कंज्यूमर इलेक्ट्रोनिक्स और इलेक्ट्रॉनिक्स, रेलवे, शिपिंग में इसके जरिए आपार संभावनाए हैं। इसके जरिए डीजल जेनरेटर को रिप्लेस किया जा सकेगा, बैटरी स्टोरेज डीजल जेनरेटर का भी विकल्प है। दिन में सौर ऊर्जा के जरिए बिजली का उत्पादन और उसका बैटरी स्टोरेज के जरिए रात में इस्तेमाल संभव हो सकेगा।

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