नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को संपन्न हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में 3,883.80 करोड़ रुपये की लागत से उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक और परिवहन केंद्र (एमएमटीएच) बनाने को मंजूरी प्रदान की गई है। इससे क्षेत्र में विकास तेज होगा रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। इन दोनों परियोजनाओं से 2040 तक 1,00,000 लोगों के लिए रोजगार पैदा होने का अनुमान है और आसपास के इलाकों में विकास के अवसरों पर इसका सकारात्मक असर होगा।
एक सरकारी बयान में कहा गया है कि बंदरगाहों, हवाईअड्डों आदि से सटे मालगाड़ियों के लिए अलग से पूर्वी और पश्चिमी गलियारा, एक्सप्रेस-वे और राष्ट्रीय राजमार्गों जैसे बड़े परिवहन गलियारों के आधार के रूप में परिकल्पित औद्योगिक गलियारा कार्यक्रम का उद्देश्य उद्योगों को गुणवत्तापूर्ण, विश्वसनीय, टिकाऊ और उत्कृष्ट अवसंरचना उपलब्ध कराकर देश में विनिर्माण क्षेत्र में निवेश आकर्षित करना और आधुनिक सुविधाओं से युक्त नए औद्योगिक शहरों का निर्माण करना है।
आंध्रप्रदेश और कर्नाटक को मिला तोहफा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने इसके साथ ही आंध्र प्रदेश में कृष्णापत्तनम औद्योगिक क्षेत्र और कर्नाटक के तुमकुर में क्रमश: 2,139.44 करोड़ रुपये और 1,701.81 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से विभिन्न बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के निर्माण के लिए उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) के प्रस्तावों को स्वीकृति दी।
विश्व स्तरीय सुविधा होगी उपलब्ध
आधिकारिक बयान के अनुसार ग्रेटर नोएडा में मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक केंद्र परियोजना को एक विश्व स्तरीय सुविधा के रूप में विकसित किया जाएगा। जहां पर्याप्त भंडारण तथा अलग से बने मालगाड़ियों के गलियारों (डीएफसी) के जरिये सामान की ढुलाई की सुविधा उपलब्ध होगी। साथ ही माल ढुलाई कंपनियों और ग्राहकों को एक ही जगह सभी सुविधाओं की पेशकश की जाएगी। इस केंद्र पर न सिर्फ मानक कंटेनर रखरखाव सुविधाएं उपलब्ध होंगी, बल्कि परिचालन की बेहतर दक्षता के साथ लॉजिस्टिक लागत में कमी लाने के लिए विभिन्न मूल्य वर्धित सेवाएं भी उपलब्ध होंगी।
बोड़ाकी रेलवे स्टेशन के नजदीक है मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट केंद्र
मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट केंद्र परियोजना पहले से ही भारतीय रेल के बोड़ाकी रेलवे स्टेशन के नजदीक स्थित है। यह परियोजना निर्बाध रूप से यात्रियों की रेल, सड़क मार्ग के जरिये सुगम पहुंच के साथ एक परिवहन केंद्र के रूप में काम करेगी। इसमें अंतर राज्यीय बस टर्मिनल (आईएसबीटी), स्थानीय बस टर्मिनल (एलबीटी), मेट्रो, वाणिज्यिक, खुदरा और होटल तथा खुले हरियाली युक्त स्थलों के लिए स्थान उपलब्ध होगा। बयान के अनुसार यह परियोजना उत्तर प्रदेश में भविष्य में होने वाले विकास, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के उप क्षेत्रों में बढ़ती आबादी की जरूरतों के लिये वैश्विक स्तर की परिवहन सुविधाएं उपलब्ध कराएगी। इससे दिल्ली में भीड़भाड़ कम होगी।