नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने आज मौजूदा वित्त वर्ष के लिये 23,123 करोड़ रुपये के नए कोविड पैकेज को मंजूरी दे दी। भारत कोविड-19 आपात प्रतिक्रिया और स्वास्थ्य प्रणाली तैयारी पैकेज के दूसरे चरण का उद्देश्य बच्चों की चिकित्सा देखभाल सहित स्वास्थ्य इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास करना है। इस योजना के तहत इन कदमों को उठाया जायेगा
• केंद्रीय अस्पतालों, एम्स और डीओएचएफडब्ल्यू के तहत आने वाले अन्य राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों (वीएमएमसी और सफदरजंग अस्पताल, दिल्ली, एलएचएमसी और एसएसकेएच, दिल्ली, आरएमएल, दिल्ली, रिम्स, इम्फाल और एनईआईजीआरआईएमएस, शिलांग, पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़, जेआईपीएमईआर, पुडुचेरी और एम्स दिल्ली (मौजूदा एम्स) और पीएमएसएसवाई के तहत नए एम्स) को कोविड प्रबंधन के लिए 6,688 बिस्तरों के रिपर्पस के लिए सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
• राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) को वैज्ञानिक नियंत्रण केंद्र, महामारी सूचना सेवाएं (ईआईएस) और आईएनएसएसीओजी सचिवालय सहयोग को स्वीकृति के अलावा जीनोम अनुक्रमण मशीनें उपलब्ध कराकर मजबूत बनाया जाएगा।
• देश के सभी जिला अस्पतालों में अस्पताल प्रबंधन सूचना प्रणाली (एचएमआईएस) के कार्यान्वयन के लिए सहयोग उपलब्ध कराया जाएगा (वर्तमान में यह सिर्फ 310 डीएच में ही लागू की गई है)। सभी जिला अस्पताल एनआईसी द्वारा विकसित ई-हॉस्पिटल और सीडीएसी द्वारा विकसित ई-शुरुआत सॉफ्यवेयरों के माध्यम से एचएमआईएस लागू करेंगे। यह डीएच में राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन (एनडीएचएम) के कार्यान्वयन के लिए सबसे बड़ा प्रोत्साहन होगा। इस सहायता में जिला अस्पतालों को हार्डवेयर क्षमता बढ़ाने के लिए दी गई सहायता शामिल है।
• टेली-परामर्श की संख्या प्रति दिन 50,000 से बढ़ाकर प्रति दिन 5 लाख करने के लिए ई-संजीवनी टेली-परामर्श प्लेटफार्म के राष्ट्रीय ढांचे के विस्तार के लिए भी समर्थन उपलब्ध कराया जाएगा। इसमें देश के सभी जिलों में ई-संजीवनी टेली परामर्श के लिए हब को मजबूत बनाकर कोविड देखभाल केंद्रों में कोविड मरीजों के साथ टेली परामर्श को संभव बनाने के लिए राज्यों/ केन्द्र शासित प्रदेशों को दिया जाने वाला समर्थन शामिल है।
• डीओएचएफडब्ल्यू स्थित सेंट्रल वार रूम, देश के कोविड-19 पोर्टल, 1075 कोविड हेल्पलाइनों और कोविन प्लेटफॉर्म को मजबूत बनाने सहित आईटी हस्तक्षेप उपलब्ध कराने के लिए भी सहयोग दिया जाएगा।
• सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली में 20,000 आईसीयू बिस्तर बढ़ाना, जिनमें से 20 प्रतिशत बच्चों की चिकित्सा से जुड़े आईसीयू बिस्तर होंगे।
• ग्रामीण, अर्ध शहरी और जनजातीय इलाकों में कोविड-19 के पहुंचने के कारण मौजूदा सीएचसी, पीएचसी और एसएचसी (6-20 बिस्तर इकाइयों) में अतिरिक्त बिस्तर जोड़ने के लिए पूर्व निर्मित ढांचे स्थापित करके समुदाय को उनके पास इलाज उपलब्ध कराना और टियर-2 या टियर-3 शहरों और जिला मुख्यालयों पर जरूरत के आधार पर बड़े क्षेत्रीय अस्पतालों (50-100 बिस्तर इकाइयां) की स्थापना के लिए भी सहयोग उपलब्ध कराया जाएगा।
• प्रत्येक जिले में कम से कम एक इकाई को सहयोग देने के उद्देश्य से मेडिकल गैस पाइपलाइन सिस्टम (एमजीपीएस) के साथ 1050 तरल मेडिकल ऑक्सीजन भंडारण टैंकों की स्थापना करना।
• एम्बुलेंसों के मौजूदा बेड़े को मजबूत करना– पैकेज के तहत 8,800 नई एम्बुलेंस शामिल की जाएंगी।
• कोविड के प्रभावी प्रबंधन के लिए स्नातक और परास्नातक मेडिकल इंटर्न व एमबीबीएस, बीएससी और जीएनएम नर्सिंग के विद्यार्थियों को जोड़ा जाएगा।
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