नयी दिल्ली। प्याज के बढ़ते दाम को काबू में रखने के लिए सरकार द्वारा प्याज का आयात करने के फैसले केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को घरेलू बाजार में प्याज की उपलब्धता बढ़ाने के लिए 1.2 लाख टन प्याज आयात करने के खाद्य मंत्रालय के निर्णय को मंजूरी दे दी।
मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक संवाददाता सम्मेलन में इसकी जानकारी दी। खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने 16 नवंबर को कहा था कि सरकारी कंपनी एमएमटीसी के जरिये सरकार एक लाख टन प्याज का आयात करेगी।
सरकार ने प्याज की उपलब्धता बेहतर बनाने के लिए निजी आयात को भी मंजूरी दी है और ध्रुमीकरण एवं स्वच्छता के प्रावधानों को भी सरल बनाया है। सरकार ने यह कदम ऐसे समय उठाया है जब घरेलू बाजार में प्याज की कमी से दाम आसमान पर पहुंच गये हैं। दिल्ली में प्याज की खुदरा कीमतें 60 रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुंच गयीं। खरीफ सत्र 2019-20 में प्याज उत्पादन में 26 प्रतिशत गिरावट के कारण यह संकट उत्पन्न हुआ है। सरकार ने आयात सुनिश्चित करने के अलावा निर्यात को प्रतिबंधित करने, भंडार की सीमा तय करने समेत कई कदम उठाए हैं।
इसलिए बढ़ रहे हैं प्याज के दाम
मानसून सीजन के आखिर में हुई भारी बारिश के कारण प्याज की फसल को नुकसान होने से देश में प्याज के दाम में भारी वृद्धि हुई है। देश की राजधानी दिल्ली में बुधवार को भी प्याज के थोकभाव में 10-15 रुपए प्रति किलो की बढ़ोतरी दर्ज की गई। विदेश व्यापार करने वाली केंद्र सरकार की कंपनी एमएमटीसी 4,000 टन प्याज का आयात करने के लिए टेंडर भी जारी कर चुकी है।
बाजार सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, दिल्ली की आजादपुर मंडी में बुधवार को प्याज का थोक भाव 40-60 रुपए प्रति किलो था। मंडी के एक कारोबारी ने बताया कि आवक में कमी के कारण प्याज के भाव में पिछले सत्र के मुकाबले 10-15 रुपये प्रति किलो का इजाफा हुआ। दिल्ली-एनसीआर में प्याज का खुदरा भाव 60-80 रुपए प्रति किलो था। कुछ दिन पहले देश की राजधानी में प्याज का खुदरा भाव 100 रुपए प्रति किलो तक हो गया था। (इनपुट-भाषा/IANS)