नई दिल्ली। कैबिनेट ने आज देश में विकसित आकाश मिसाइल सिस्टम के निर्यात को मंजूरी दे दी है। सरकार ने ये फैसला भारत के द्वारा रक्षा निर्यात को तेज कर आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बढ़ने के लिए लिया है। हालांकि इसके साथ ही सरकार की अपने मित्र देशों पर भी नजर है।
क्या है कैबिनेट का फैसला
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत देश विभिन्न रक्षा उत्पाद और मिसाइल की निर्माण क्षमता को लगातार बढ़ा रहा है। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट ने आज आकाश मिसाइल सिस्टम के निर्यात को मंजूरी दे दी है और इसकी मंजूरी प्रक्रिया को तेज करने के लिए कमेटी भी बनाई गई है।
देश को क्या होगा पहला बड़ा फायदा
कैबिनेट के आज के कदम से देश को दो बड़े फायदे होंगे। रक्षा मंत्री ने कहा कि देश से रक्षा उत्पादों के निर्यात में बड़े प्लेटफार्म का हिस्सा काफी कम था, आज के इस फैसले से 5 अरब डॉलर के रक्षा निर्यात लक्ष्य पाने में मदद मिलेगी। साथ ही अपने रक्षा उत्पादों को बेहतर बनाने में भी मदद मिलेगी। जो कि आत्मनिर्भर भारत अभियान में मददगार होगा।
क्या है दूसरा बड़ा फायदा
रक्षा मंत्री ने साफ कहा कि आज के फैसले से मित्र देशों के साथ संबंध और मजबूत किए जा सकेंगे। सरकारी सूत्रों के मुताबिक दक्षिण पूर्व एशिया और अफ्रीका के 9 मित्र देशों ने इस सिस्टम को खरीदने की इच्छा जताई है। दक्षिण पूर्व एशिया के कई देशों के साथ चीन की तनातनी जग जाहिर है। सरकार ने ये खुलासा नही किया है कौन से देश ये सिस्टम चाहते हैं हालांकि क्षेत्र के कई देश चीन से मुकाबला करने के लिए भारत के रक्षा उत्पादों को पाने की इच्छा जता चुके हैं। ऐसे में भारत का सिस्टम इन देशों को मिलने से चीन के लिए चुनौतियां बढ़ जाएंगी। सूत्रों ने कहा कि कैबिनेट की मंजूरी के बाद रक्षा मंत्रालय से जुड़ी सरकारी कंपनी इन देशों को सिस्टम की निर्यात पर आगे का कदम उठाएगी
क्या है आकाश सिस्टम की खासियत
जमीन से हवा में मार करने वाली आकाश मिसाइल 96 फीसदी स्वदेशी है। ये हवा में 25 किलोमीटर तक मार कर सकती है। सिस्टम को डीआरडीओ के द्वारा विकसित किया गया है। सरकार के मुताबिक निर्यात किए जाने वाला आकाश सिस्टम भारतीय सेनाओं के द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले सिस्टम से अलग होगा। इस सिस्टम को भारतीय वायु सेना ने 2014 में और भारतीय सेना ने 2015 में सेवा में शामिल किया था