नई दिल्ली। महिलाओं विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं के लिए राहत भरी खबर है। कैबिनेट ने मातृत्व लाभ अधिनियम में हुए संशोधनों को मंजूरी दे दी। इसमें प्रमुख संशोधन महिलाओं के मातृत्व अवकाश को लेकर है। जिसके तहत मैटरनिटी लीव को 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह कर दिया गया है। कैबिनेट ने इसके साथ ही कारखाना अधिनियम में संशोधनों को भी मंजूरी दे दी, जिसे संसद के चल रहे मानसून सत्र में पहले ही पेश किया जा चुका है।
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सरकार की ओर से एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली केंद्रीय कैबिनेट ने मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961 में संसद में मातृत्व लाभ (संशोधन) विधेयक, 2016 पेश करके किये जाने वाले संशोधनों को पिछली तिथि से मंजूरी दे दी। मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961 महिलाओं को उनके प्रसूति के समय रोजगार का संरक्षण करता है और वह उसे उसके बच्चे की देखभाल के लिए कार्य से अनुपस्थिति के लिए पूरे भुगतान का हकदार बनाता है। यह 10 या इससे अधिक कर्मचारियों को काम पर रखने वाले सभी प्रतिष्ठानों पर लागू होगा। इससे संगठित क्षेत्र में 18 लाख महिला कर्मचारी लाभांवित होंगी।
कारखाना विधेयक पर भी लगी मुहर
बयान के अनुसार इन संशोधनों में दो जीवित बच्चों के लिए मातृत्व अवकाश 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह करना और दो बच्चों से अधिक के लिए 12 सप्ताह, कमीशनिंग मां और गोद लेने वाली मां के लिए 12 सप्ताह का अवकाश और 50 से अधिक कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठानों के लिए क्रेच का अनिवार्य प्रावधान शामिल है। इससे पहले दिन में श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने लोकसभा में कारखाना (संशोधन) विधेयक, 2016 पेश किया जिसका उद्देश्य ओवरटाइम घंटों की सीमा बढ़ाना है।