नई दिल्ली। किसानों के प्रदर्शन के बीच मोदी सरकार ने आज देश के गन्ना किसानों के लिए तोहफे का ऐलान किया है। आज हुई कैबिनेट की बैठक में कृषि, टेलीकॉम और पावर सेक्टर के लिए कई बड़े फैसले लिए गए। गन्ना किसानों के लिए ऐलान के साथ साथ सरकार ने अगले दौर की स्पेक्ट्रम नीलामी को भी मंजूरी दी है।
क्या हुआ किसानों के लिए फैसला
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के मुताबिक सरकार ने इस साल 60 लाख टन चीनी निर्यात पर सब्सिडी देने का फैसला लिया है। इससे होने वाली कमाई और सब्सिडी सीधे किसानों के खाते में डाल दी जाएगी। उन्होने कहा कि इस फैसले से 5 करोड़ किसान और 5 लाख कामगारों को फायदा मिलने की उम्मीद है। ये सब्सिडी 6000 रुपये प्रति टन के हिसाब से दी जाएगी। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के मुताबिक सब्सिडी पर 3500 करोड़ रुपये खर्च होंगे इसके अलावा 18 हजार करोड़ रुपये की आय भी किसानों को मिलेगी। सरकार के मुताबिक किसानों के खाते में 3 बार में रकम आएगी। पहले से घोषित सब्सिडी का 5361 करोड़ रुपया एक सप्ताह में किसानों के खाते में जमा कर दिया जाएगा। जिसके बाद आय और आज घोषित सब्सिडी किसानों के खाते में डाली जाएगी। केंद्रीय मंत्री के मुताबिक मांग से ज्यादा उत्पादन की वजह से कीमतों मे गिरावट देखने को मिली है, आज के फैसले से गन्ना किसानों को राहत मिलेगी।
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अगले दौर की स्पेक्ट्रम नीलामी को मंजूरी
इसके साथ ही सरकार ने अगले दौर की स्पेक्ट्रम नीलामी को मंजूरी दे दी है, केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बुधवार को यह जानकारी दी। दूरसंचार विभाग के निर्णय लेने वाले शीर्ष निकाय- डिजिटल संचार आयोग ने मई में स्पेक्ट्रम नीलामी योजना को मंजूरी दे दी थी। यह मंजूरी मंत्रिमंडल की अनुमति पर निर्भर थी। दूरसंचार विभाग को अगले दौर की नीलामी के लिये अधिसूचना जारी करना है। इसके तहत 5.22 लाख करोड़ रुपये मूल्य की रेडियो तरंगों की बिक्री की जाएगी। दूरसंचार मंत्रालय को दूरसंचार परिचालकों से स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क के रूप में औसतन 5 प्रतिशत राजस्व हिस्सा मिलता है। इसका आकलन कंपनियों के पास उपलब्ध स्पेक्ट्रम के आधार पर होता है। इसके अलावा संचार सेवाओं की बिक्री से प्राप्त आय में से लाइसेंस शुल्क के रूप में 8 प्रतिशत हिस्सा मिलता है।