बीजिंग। चीन की टेक्नोलॉजी कंपनी बाइटडांस (ByteDance) ने अपने लोकप्रिय शॉर्ट वीडियो प्लेटफॉर्म टिकटॉक (TikTok) का वैश्विक मुख्यालय अमेरिका में स्थापित करने का निर्णय लिया है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस पर रोक लगाने के आदेश से बचने के लिए कंपनी ने यह रास्ता निकाला है। चीन के सरकारी सीजीटीएन टीवी ने बुधवार को एक रिपोर्ट में कहा कि बाइटडांस की अमेरिकी अधिकारियों के सामने पेश योजना के मुताबिक टिकटॉक अमेरिका में मुख्यालय वाली नई कंपनी में बहुलांश हिस्सेदार बनी रहेगी। वहीं प्रौद्योगिकी कंपनी ओरेकल की इसमें अल्पांश हिस्सेदार होगी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनी में वॉलमार्ट की अन्य अल्पांश हिस्सेदार होगी। वैश्विक खुदरा कंपनी वॉलमार्ट ने माइक्रोसॉफ्ट के साथ मिलकर टिकटॉक में हिस्सेदारी खरीदने की पेशकश की थी। इस घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले व्यक्तियों ने कहा कि योजना की विस्तृत रूपरेखा में बदलाव भी हो सकता है। स्वतंत्र तीसरे पक्ष के लोग नई कंपनी के निदेशक होंगे। वहीं बाइटडांस के पास टिकटॉक और उसकी मूल एल्गोरिदम का नियंत्रण बना रहेगा। रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी यूजर्स की डाटा सुरक्षा को लेकर ट्रंप सरकार की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए कंपनी ने यह डाटा अमेरिका में ही रखने का निर्णय किया है और ओरेकल इसके लिए डाटा सेवाप्रदाता का काम करेगी।
ट्रंप सरकार ने टिकटॉक को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा करार दिया है। ट्रंप ने छह अगस्त को एक कार्यकारी आदेश जारी कर टिकटॉक के सामने अपने अमेरिकी कारोबार को 20 सितंबर तक बंद करने या किसी अमेरिकी कंपनी को बेचने की समयसीमा रखी थी। भारत ने भी राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता के लिए खतरा बताते हुए टिकटॉक समेत 59 चीनी एप पर जून में रोक लगा दी थी। बाद में 118 चीनी एप पर भी रोक लगा दी गई।
ओरेकल-टिकटॉक सौदे को मंजूरी सुरक्षा की शर्त पर नहीं: ट्रंप
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को कहा कि वह ओरेकल और टिकटॉक के बीच होने वाले सौदे पर अपनी पूरी नजर रखेंगे और इस सौदे को मंजूरी देने से पहले यह सुनिश्चित करेंगे कि राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता बिल्कुल न हो। ट्रंप ने व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा कि सौदे को मंजूरी देने से पहले, वह यह सुनिश्चित करना चाहेंगे कि यहां राष्ट्रीय सुरक्षा से कोई समझौता न हो और अमेरिकी सरकार को कारोबार में एक बड़ा हिस्सा मिले।
भारत में भी जल्द हो सकती है वापसी
जानकारों का मानना है कि टिकटॉक अब अमेरिका में मामला सुलझने के बाद भारतीय कारोबार पर भी ध्यान देगी। उनका कहना है कि अब जबकि टिकटॉक का मुख्यालय अमेरिका में होगा, तो एक तरह से यह एक अमेरिकी कंपनी बन जाएगी। इतना ही नहीं टिकटॉक अमेरिका की तरह ही भारत में भी किसी टेक्नोलॉजी कंपनी के साथ साझेदारी कर सकती है। जानकारों का कहना है कि सरकार की मुख्य चिंता यूजर्स की जानकारी से संबंधित है। टिकटॉक भारतीय यूजर्स की जानकारी भारत में ही रखने के लिए ओरेकल या अन्य किसी भारतीय कंपनी की सेवा ले सकती है। भारत में टिकटॉक के 20 करोड़ से अधिक यूजर्स हैं और कंपनी ने अभी तक भारत में अपना कारोबार बंद नहीं किया है।
सूत्रों ने बताया कि कंपनी अभी तक अपने सभी कर्मचारियों को पूरा वेतन दे रही है। कर्मचारियों का भी कहना है कि उन्हें बाइटडांस की तरह से आए मेल में भी कहा गया है कि आपको चिंता करने की आवश्यकता नहीं है हम जल्द ही कोई हल निकाल लेंगे। इससे इस बात की संभावना और बढ़ गई है कि जिस तरह से टिकटॉक ने अमेरिका में अपना कारोबार बचा लिया है, उसी तरह अब वह भारत में भी अपनी दोबारा शुरुआत कर सकती है।