नई दिल्ली। 1 जुलाई से अगर GST लागू हो जाता है तो एक्सचेंज ऑफर आपके लिए ज्यादा फायदे का सौदा नहीं रह जाएगा। मतलब, पुराने सामान के बदले आपको नया सामान लेना महंगा पड़ सकता है। GST के मसौदा नियमों में सप्लाई को वैल्यूएशन में रखा गया है। सप्लाई व्यापक शब्द है जिसके अंतर्गत न केवल बिक्री आती है बल्कि एक्सचेंज और बार्टर भी आते हैं।
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1 अप्रैल को जारी हुए मसौदा वैल्यूएशन नियमों के मुताबिक भले ही वस्तुओं की सप्लाई पूरी तरह पैसे में नहीं हो, लेकिन सप्लाई की वैल्यू उसके बाजार मूल्य के आधार पर तय की जाएगी। मसौदा नियमों में इसे उदाहरण देते हुए समझाया गया है। अगर एक नया फोन किसी पुराने फोन के बदले में लेने पर 20,000 रुपए का पड़ता है और एक्सचेंज के बिना उसकी कीमत 24,000 रुपए है। ऐसे में फोन का बाजार मूल्य 24,000 होगा और GST इसी राशि पर लगेगा न कि 20,000 रुपए पर।
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पुराने फ्रिज, मोबाइल फोन, कार, टीवी के बदले नया सामान छूट पर लेने के ऑफर्स देश में काफी लोकप्रिय हैं। GST के मसौदा नियमों के मुताबिक एक्सचेंज कर सामान खरीदना महंगा पड़ सकता है। इसके अलावा जारी हुए नियमों में फ्लाइट बुकिंग के लिए सर्विस सप्लाई करने वाले एजेंट को घरेलू उड़ानों में 5 फीसदी और इंटरनेशनल उड़ानों में 10 फीसदी का कमिशन तय किया गया है। यह अभी के रेट के बराबर ही है। इंडस्ट्री ने GST व्यवस्था के तहत रेट को कम करने की सिफारिश की थी।