नई दिल्ली। 2 दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के पीएम शिंजो आबे देश के पहले बुलेट ट्रेज प्रोजेक्ट की आधारशिला रखने जा रहे हैं। बुलेट ट्रेन के आने से पहले इसके किराए को लेकर कई तरह की बातें चल रही हैं। लेकिन नए रेल मंत्री पीयूष गोयल ने किराए को लेकर आशंकाओं पर कुछ हद तक विराम लगाया है। पीयूष गोयल बयान दिया है कि बुलेट ट्रेड का किराया ऐसा होगा कि अधिकतर लोग उसका वहन कर सकें।
पीयूष गोयल ने कहा कि अगर यात्रियों के लिए हवाई किराया कम होगा तो फिर वह बुलेट ट्रेन से जाना क्यों पसंद करेंगे। बुलेट ट्रेन के किराए को लेकर काम करने रहे अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल किराए की डिटेल परिपक्व नहीं हुई है, लेकिन उन्होंने बताया कि बुलेट ट्रेन में शुरुआत में दो कैटेगिरी होंगी, पहली एग्जिक्युटिव और दूसरी इकोनॉमी, काराया राजधानी ट्रेन की दूसरी श्रेणी के जैसा हो सकता है।
शुरुआत में बुलेट ट्रेन के जरिए सालाना करीब 1.6 करोड़ लोगों के सफर करने की संभावना जताई जा रही है लेकिन 2050 तक इस संख्या के रोजाना 1.6 लाख तक पहुंचने के आसार हैं। शुरुआत में रेलवे 35 बुलेट ट्रेन चला सकती है और 2053 तक इनकी संख्या को बढ़ाकर 105 तक पहुंचाया जा सकता है।
शुरुआत में जिस मुंबई अहमदाबाद ट्रैक पर बुलेट ट्रेन चलाई जाएगी उस पर ट्रेन के कुल 10 स्टॉपेज हो सकते हैं। 508 किलोमीटर लंबे इस ट्रैक को ट्रेन करीब 2 घंटे 58 मिनट में पूरा करेगी। ट्रेन की औसत स्पीड 320 किलोमीटर प्रति घंटा और अधिकतम स्पीड 350 किलोमीटर प्रतिघंटा हो सकती है। 24 घंटे में से करीब 20 घंटे तक ट्रेन की सेवा रहने की संभावना है जबकि बाकि 4 घंटे मैंटेनेंस के लिए होंगे। शुरुआत में प्रति ट्रेन 10 कोच लगने की उम्मीद है जिसने जरिए एक बार में कुल 750 यात्री सफर कर सकेंगे, बाद में ट्रेन में कोच की संख्या 16 की जा सकती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे 2 दिन बाद यानि 14 सितंबर को बुलेट ट्रेन के प्रोजेक्ट की आधारशिला रखेंगे। प्रोजेक्ट के 2023 तक पूरा होने का लक्ष्य है लेकिन ऐसी संभावना जताई जा रही है कि प्रोजेक्ट को आजादी के 75 साल पूरा होने के मौके यानि 15 अगस्त 2022 तक पूरा करने के लिए सरकार प्रयास करेगी और इस मौके पर पहली बुलेट ट्रेन चलना शुरू हो जाएगी।