भारत में बुलेट ट्रेन का सपना जल्द पूरा होने जा रहा है। भारत स्थित जापानी दूतावास ने भारत के लिए तैयार की गई ई5 सीरीज शिनकान्सेन (जापान के बुलेट ट्रेन) की तस्वीरें जारी की हैं। जापान की इस बुलेट ट्रेन को मोडिफाइ कर मुंबई-अहमबाद हाई स्पीड रेल प्रोजेक्ट पर बुलेट ट्रेन के तौर पर चलाया जाएगा। भारत में जापानी दूतावास ने शुक्रवार को इसी बुलेट ट्रेन की तस्वीर सोशल मीडिया पर साझा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए 2023-24 की समय सीमा निर्धारित की है।
मुंबई-अहमदाबाद के बीच 505 किमी हाईस्पीड रेल कॉरिडोर के निर्माण पर 98000 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत आएगी। वहीं, अनुमान है कि इस कॉरिडर पर ट्रेन की टॉप स्पीड 370 किमी प्रति घंटा होगी। इससे दोनों शहरों के बीच की दूरी को दो घंटे से भी कम समय में तय किया जा सकेगा। फिलहाल इसमें सात घंटे लगते हैं। मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना को अपने मार्ग पर कई समस्याओं का सामना करना पड़ा है। हाल ही में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना की समीक्षा के आदेश दिए हैं। इसके बाद उन्हें आदिवासियों और किसानों के विरोध का सामना करना पड़ा जिन्होंने दावा किया कि उनकी ज़मीनें उनसे छीनी जा रही हैं।
मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन का किराया होगा करीब 3000 रुपए
मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन का किराया करीब 3000 रुपए होगा। प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद बुलेट ट्रेन सुबह छह बजे से देर रात 12 बजे तक 70 फेरे (हर तरफ से 35 फेरे) लगाएगी। एक अनुमान के अनुसार इस परियोजना को दिसंबर 2023 तक पूरा किए जाने का प्रयास किया जा रहा है। अहमदाबाद से मुंबई के बीच 508 किलोमीटर के बीच बुलेट ट्रेन गलियारे में 12 स्टेशन होंगे।
जापान के सहयोग से हो रहा पूरा काम
रेल मंत्री ने जून में राज्यसभा को बताया कि मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल (MAHSR), जिसे बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के रूप में भी जाना जाता है, इसको 2023 तक पूरा करने के लक्ष्य के साथ मंजूरी दी गई है। इस परियोजना को जापान सरकार की वित्तीय और तकनीकी सहायता के साथ एक विशेष उद्देश्य वाहन अर्थात् नेशनल हाई-स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) द्वारा पूरा किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के तत्कालीन प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने 14 सितंबर, 2017 को महत्वाकांक्षी 1.08 लाख करोड़ रुपये (17 अरब डॉलर) की परियोजना की आधारशिला रखी थी। बुलेट ट्रेन रूट के लिए जरूरी विशेष स्टडी में RITES को महारथ हासिल है। सूत्रों के मुताबिक, एक रूट पर ही 500 से 1000 करोड़ रुपये तक का टेंडर हो सकता है।