नई दिल्ली। रियल एस्टेट इंडस्ट्री और इस सेक्टर से जुड़े कंसल्टेंट्स ने रियल एस्टेट बिल का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि इससे इस क्षेत्र के कारोबार के प्रति विश्वास बढ़ेगा, ग्राहकों के हितों की रक्षा होगी और इस ग्रोथ मिलेगा। हालांकि, इंडस्ट्री के कुछ लोगों ने विधेयक में सजा के प्रावधान को कड़ा बताया है। इसमें गैरकानूनी काम करने वालों को तीन साल तक की सजा का प्रावधान है। इसके अलावा कई कंपनियों ने बिल में में मौजूदा प्रोजेक्ट को शामिल किए जाने को लेकर भी असंतोष जताया।
अथॉरिटी को भी बिल में शामिल करने की मांग
डीएलएफ के मुख्य कार्यपालक अधिकारी राजीव तलवार ने कहा, हर कोई विधेयक का स्वागत करता है। हम संसद के विवेक का सम्मान करते हैं। कारावास जैसे कुछ प्रावधान कड़े हैं। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि आखिर सरकारी प्राधिकरणों को विधेयक में क्यों नहीं शामिल किया गया। बिल्डर चाहते हैं कि प्रोजेक्ट को मंजूरी देने वाले सरकारी प्राधिकरण को भी विधेयक के दायरे में लाया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि नियामक अफसरशाही एक और परत नहीं बने।
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ग्राहकों का बढ़ेगा भरोसा
रियल्टी कंपनियों के टॉप बॉडी क्रेडाई के अध्यक्ष गीतांबर आनंद ने कहा कि विधेयक रियल एस्टेट कारोबार में भरोसा लाएगा और आवास क्षेत्र को बुनियादी ढांचा का दर्जा दिए जाने की हमारी मांग पर मुहर लगाएगा। हालांकि उन्होंने कहा कि मौजूदा परियोजनाओं को विधेयक के दायरे में लाने से उनका काम प्रभावित हो सकता है। उद्योग मंडल फिक्की के अध्यक्ष हर्षवर्धन नेवतिया ने उम्मीद जाहिर की कि इससे इस क्षेत्र का नियमन कारगर होगा और रातों रात रफूचक्कर होने वाले कंपनियों से निवेशकों बचाव हो सकेगा। उन्होंने कहा कि इससे इस क्षेत्र को भारी बढ़ावा मिलेगा।