![On-Time Delivery: प्रोजेक्ट लेट होने पर बिल्डर्स को देना होगा हर्जाना, ग्राहकों को मिलेंगे हर महीने 15-20 हजार रुपए](https://static.indiatv.in/khabar-global/images/paisa-new-lazy-big-min.jpg)
नई दिल्ली। राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निपटान आयोग (एनसीडीआरसी) ने घर खरीदारों को बड़ी राहत और बिल्डर्स को बड़ा झटका दिया है। आयोग ने प्रोजेक्ट में देरी के लिए पार्श्वनाथ डिवेलपर्स को फ्लैट खरीदारों को हर महीने 20,000 रुपए का हर्जाना देने का आदेश दिया है। पार्श्वनाथ लखनऊ के गोमतीनगर में ग्राहकों को समय पर फ्लैट देने में नाकाम रहा। इसको देखते हुए आयोग ने यह कड़ा फैसला सुनाया है। आयोग ने आदेश दिया है कि 175 स्केवयर मीटर का फ्लैट बुक कराने वाले लोगों को 15 हजार रुपए प्रति महीने मुआवजा देना होगा। वहीं, कंपनी को बड़े फ्लैट बुक कराने वालों को हर महीने 20 हजार रुपए तक भुगतान करना होगा। एक महीने के दौरान एनसीडीआरसी ने दो मामले में ऐसा आदेश दिया है। इससे साफ है कि अब बिल्डर्स लोगों को घर देने में देरी नहीं कर सकते।
गुड़गांव के कुछ बिल्डरों पर पहले ही लगाया जा चुका है जूर्माना
इससे पहले एनसीडीआरसी ने गुड़गांव के कुछ प्रोजेक्ट्स में देरी पर बिल्डरों को सालाना 12 फीसदी का हर्जाना देने का आदेश दिया है। पार्श्वनाथ ने 2006 में ग्राहकों के साथ डील की थी, इसके तहत 42 महीनों के अंतराल में फ्लैट दिए जाने की बात थी, यह अवधि 2009-10 में पूरी हो रही थी, लेकिन अब तक ग्राहकों को फ्लैटों नहीं मिला है।
आयोग का पूरा आदेश
एनसीडीआरसी ने कहा कि फ्लैट खरीदने के 54वें महीने से पेनल्टी शुरू होगी और यह फ्लैटों के अलॉट होने तक जारी रहेगी। आयोग के मुताबिक डील के दौरान पार्श्वनाथ डिवेलपर्स ने आदेश दिया था कि यह प्रोजेक्ट लखनऊ डिवेलपमेंट अथॉरिटी से अप्रूव्ड है और इसके लिए सभी जरूरी परमिशन ले ली गई हैं। लेकिन जब फ्लैटों के आवेदक जब पूरी राशि जमा कराने के बाद कंस्ट्रक्शन साइट पर पहुंचे तो बताया गया कि काम रूका हुआ है और यह 2015 तक पूरे हो पाएंगे। पार्श्वनाथ डिवेलपर्स ने कहा, ‘यह आदेश हमें दो दिन पहले ही मिला है।