नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरिम बजट की घोषणाओं का जिक्र करते हुए बुधवार को कहा कि इससे रीयल एस्टेट क्षेत्र को काफी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि अब बिल्डरों को अपनी साख बेहतर बनाने के लिए काम करना चाहिए।
क्रेडाई द्वारा यहां आयोजित रीयल एस्टेट सम्मेलन को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि उनकी सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत तेजी से काम कर रही है ताकि 2022 तक सभी को घर उपलब्ध कराने के लक्ष्य को पूरा किया जा सके।
मोदी ने कहा कि रीयल्टी क्षेत्र के लिए लाए गए नए कानून रेरा और बेनामी संपत्ति कानून से बिल्डरों और घर खरीदारों के बीच जो विश्वास की कमी थी उसे पाटने में काफी कुछ मदद मिली है। उन्होंने कहा कि रीयल्टी क्षेत्र में कारोबार सुगमता के मामले में भी तेजी आई है और अब निर्माण परमिट अधिक तेजी से दिए जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 2019- 20 के अंतरिम बजट से आवास क्षेत्र को काफी फायदा होगा। बजट में घर खरीदारों के साथ-साथ मकान बनाने वालों को भी काफी लाभ होगा। उन्होंने कहा कि बजट में पांच लाख रुपए तक की कमाई वालों को आयकर से पूरी छूट दी गई है। इसका लाभ भी आवास क्षेत्र को मिलेगा क्योंकि जो भी पैसा बचेगा वह आवास क्षेत्र में जाएगा। मोदी ने कहा कि नवयुवक इस लाभ का फायदा उठाकर मकान खरीदने के लिए प्रोत्साहित होंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बजट में रीयल एस्टेट क्षेत्र के फायदे के लिए और भी कई घोषणाएं की गई हैं। किराये से होने वाली आय पर स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) की छूट सीमा को 1.8 लाख रुपए से बढ़ाकर 2.4 लाख रुपए कर दिया गया है। आवासीय आय पर दी जाने वाले छूट को भी अब खुद के इस्तेमाल के लिए रखे जाने वाले एक मकान से दो मकानों के लिए कर दिया गया है। आवासीय संपत्ति की बिक्री से होने वाले पूंजीगत लाभ का अब एक के बजाये दो मकान में निवेश की अनुमति दे दी गई है।
मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने पिछले साढ़े चार साल के दौरान रीयल एस्टेट क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए गंभीर प्रयास किए हैं। उन्होंने कहा कि नोटबंदी से रीयल एस्टेट क्षेत्र में कालेधन के इस्तेमाल पर अंकुश लगा है। हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उनके इस फैसले से शुरू में कुछ समस्याएं आई हैं क्योंकि उन्होंने समय से आगे रहते हुए काम किया है।