नई दिल्ली| स्वास्थ्य क्षेत्र के प्रति अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दर्शाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि इस साल के केंद्रीय बजट में स्वास्थ्य के लिए आवंटन "अभूतपूर्व" रहा है। स्वास्थ्य क्षेत्र में बजट प्रावधानों के प्रभावी कार्यान्वयन पर एक वेबिनार को संबोधित करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि बजट आवंटन केवल एक उत्प्रेरक है और इसके लिए सभी हितधारकों को एक साथ आने की आवश्यकता होगी।
उन्होंने कहा कि इस साल के बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए किया गया आवंटन अभूतपूर्व है। यह हर नागरिक को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने की हमारी प्रतिबद्धता का संकेत है। वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए अनुमानित स्वास्थ्य बजट 2.23 लाख करोड़ रुपये से अधिक है, जिसमें 137 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। स्वास्थ्य क्षेत्र और सरकारी योजनाओं में भागीदारी पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) में भाग लेने के साथ, निजी कंपनियां सार्वजनिक निजी प्रयोगशालाओं के नेटवर्क के विकास के लिए पब्लिक-प्राइवेट प्रार्टनरशिप मॉडल का समर्थन कर सकती हैं।
यह साझेदारी राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, नागरिकों के डिजिटल स्वास्थ्य रिकॉर्ड और अत्याधुनिक तकनीकों के लिए भी आ सकती है। भारत में स्वास्थ्य क्षेत्र के सर्वांगीण विकास पर जोर देते हुए मोदी ने कहा कि भविष्य में देश को किसी भी महामारी के लिए बेहतर तरीके से तैयार होने के लिए चिकित्सा उपकरण, वेंटिलेटर, टीके, वैज्ञानिक अनुसंधान, बुनियादी ढांचे, डॉक्टरों सहित सभी पहलुओं पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान भारतीय स्वास्थ्य क्षेत्र ने जो क्षमता, अनुभव और विशेषज्ञता दिखाई है उस पर पूरी दुनिया ने बारीकी से गौर किया है और अब विश्व स्तर पर भारतीय स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए विश्वास एक नए स्तर पर है। प्रधानमंत्री ने कहा कि राजग सरकार समग्र रूप से स्वास्थ्य के मुद्दों को देखती है और इसी कारण से सरकार ने न केवल उपचार बल्कि कल्याण पर भी ध्यान केंद्रित करना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा, हमने रोकथाम से लेकर इलाज तक एक एकीकृत दृष्टिकोण अपनाया है। सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र में कई मोर्चे पर काम कर रही है जिसमें बीमारी की रोकथाम और कल्याण को बढ़ावा देना शामिल है।
वेबिनार को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने 2025 तक तपेदिक के उन्मूलन के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने कहा कि कोरोना ने हमें ये सबक दिया है कि हमें सिर्फ आज ही महामारी से नहीं लड़ना है बल्कि भविष्य में आने वाली ऐसी किसी भी स्थिति के लिए भी देश को तैयार करना है। इसलिए हेल्थकेयर से जुड़े हर क्षेत्र को मजबूत करना भी उतना ही आवश्यक है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार का जोर सिर्फ हेल्थ केयर में निवेश पर ही नहीं है बल्कि देश के दूर-दराज वाले इलाकों तक हेल्थ केयर को पहुंचाने का भी है। हमें ये भी ध्यान रखना है कि हेल्थ सेक्टर में किया गया निवेश, स्वास्थ्य ही नहीं बल्कि रोजगार के अवसर भी बढ़ाता है।
मोदी ने कहा कि आने वाले समय में भारतीय डॉक्टरों की डिमांड विश्व में और ज्यादा बढ़ने वाली है और कारण है ये भरोसा। आने वाले समय में भारतीय नर्सेस, भारतीय पैरा मेडिकल स्टाफ की डिमांड पूरी दुनिया में बढ़ेगी। इस दौरान भारतीय दवाइयों और भारतीय वैक्सीनों ने एक नया भरोसा हासिल किया है। इनकी बढ़ती डिमांड के लिए भी हमें अपनी तैयारी करनी होगी। हमारे मेडिकल एजुकेशन सिस्टम पर भी स्वाभाविक रूप से लोगों का ध्यान जाएगा, उस पर भरोसा बढ़ेगा। आने वाले दिनों में दुनिया के और देशों से भी मेडिकल एजुकेशन के लिए, भारत में पढ़ाई करने के लिए विद्यार्थियों के आने की संभावना भी बढ़ने वाली है। और हमें इसे प्रोत्साहित भी करना चाहिए।