नई दिल्ली। सरकार आगामी आम बजट में रेलवे स्टेशनों पर काम करने वाले करीब 20,000 कुलियों को सामाजिक सुरक्षा देने के लिए एक नया उपकर लगा सकती है। कुलियों के लिये सामाजिक सुरक्षा योजना को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) द्वारा चलाया जाएगा। इससे रेल टिकट महंगा हो सकता है लेकिन सरकार का कहना है कि इससे यात्रियों पर ज्यादा बोझ नहीं पड़ेगा।
यह प्रस्तावित सेस प्रत्येक टिकट पर लगेगा, प्रत्येक यात्री पर नहीं। एक टिकट में कई यात्रियों का नाम शामिल हो सकता है।
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एक सूत्र ने बताया
- श्रम मंत्रालय से एक प्रस्ताव मिला है जिसमें प्रत्येक रेल टिकट पर 10 पैसे का उपकर लगाने का प्रस्ताव किया गया है। इस उपकर से रेलवे स्टेशनों पर काम करने वाले 20,000 कुलियों के लिये सामाजिक सुरक्षा नेट बनाया जायेगा जिसे EPFO द्वारा चलाया जाएगा।
असंगठित क्षेत्र के कामगारों के महत्वपूर्ण है यह कदम
- सूत्र ने कहा, यह प्रस्ताव कई मायनों में महत्वपूर्ण है, 10 पैसे का उपकर लगाने से रेल यात्रा करने वाले यात्रियों पर कोई बोझ नहीं पड़ेगा जबकि दूसरी तरफ इससे एकत्रित होने वाले धन से कुलियों को सामाजिक सुरक्षा दी जा सकेगी।
- यह प्रस्ताव सरकार के असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे 40 करोड़ कामगारों को सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाने के लिये किए जा रहे प्रयासों का हिस्सा है।
- प्रस्ताव के जरिए इन कामगारों को EPFO और ESIC के दायरे में लाया जा सकेगा।
हर साल जुटाए जा सकेंगे 4.38 करोड़ रुपए
- प्रस्ताव को लेकर की गई गणना के मुताबिक प्रति रेल टिकट पर 10 पैसे का उपकर लगाने से हर साल करीब 4.38 करोड़ रुपए एकत्रित होंगे।
- यह राशि कुलियों को भविष्य निधि, पेंशन और समूह बीमा जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिये काफी होगी।
- भारतीय रेल रोजाना 10 से 12 लाख रेल टिकटों की बिक्री करती है। इसमें 58 प्रतिशत आरक्षित टिकटें भी शामिल हैं।
- इस लिहाज से रेलवे दैनिक 1.2 लाख रुपए तक जुटा सकता है।
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EPFO के निर्णय लेने वाले शीर्ष निकाय केंद्रीय न्यासी बोर्ड (CBT) के चेयरमैन एवं श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने इस प्रस्ताव पर विचार का आश्वासन दिया है।