नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस साल के बजट में कृषि पर विशेष जोर देते हुए किसानों की आय अगले पांच साल में दोगुना करने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई है तथा कृषि क्षेत्र के लिए वित्त वर्ष 2017-18 में कर्ज का लक्ष्य एक लाख करोड़ रुपये बढ़ाकर रिकॉर्ड 10 लाख करोड़ रुपए का प्रस्ताव किया है।
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जेटली ने अपने बजट भाषण में कहा
वित्त वर्ष 2017-18 में कृषि ऋण के लिए रिकॉर्ड 10 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा गया है। सरकार पूर्वोत्तर तथा तथा जम्मू-कश्मीर में कृषि क्षेत्र के लिए ऋण प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए विशेष उपाय करेगी।
कृषि क्षेत्र की ग्रोथ रेट 4.1 फीसदी रहेगी
- सरकार तीन लाख रुपए तक अल्पकालीन फसल कर्ज सब्सिडी के साथ सात प्रतिशत ब्याज दर पर उपलब्ध कराती है।
- कर्ज के समय पर भुगतान के लिए किसानों को प्रोत्साहन के रूप में तीन प्रतिशत की अतिरिक्त राहत दी जाती है।
- इस प्रकार, फसल ऋण पर प्रभावी ब्याज दर 4.0 प्रतिशत बैठती है।
- वित्त मंत्री ने रेखांकित किया कि चालू वित्त वर्ष में मानूसन के बेहतर रहने से कृषि क्षेत्र की ग्रोथ रेट चालू वित्त वर्ष में 4.1 प्रतिशत रहेगी।
- खरीफ और रबी दोनों फसलों की बुआई अधिक रही है।
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प्रधानमंत्री बीमा योजना के तहत आवंटन बढ़ाया गया
- जेटली ने कहा कि पिछले साल शुरू की गई नई फसल बीमा योजना ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ के लिए चालू वित्त वर्ष में आवंटन बढ़ाकर 13,240 करोड़ रुपए किया गया है जो बजट प्रस्ताव में पहले 5,500 करोड़ रुपए था।
- अगले वित्त वर्ष के लिए बजट में इस योजना के लिए 9,000 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।
- उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का दायरा 2016-17 में 30 प्रतिशत फसल क्षेत्र से बढ़ाकर 2017-18 में 40 प्रतिशत तथा 2018-19 में 50 प्रतिशत किया जाएगा।’
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बनेगा डेयरी प्रोसेसिंग फंड
- वित्त मंत्री जेटली ने कहा कि अलग से 5,000 करोड़ रुपए के कोष से सूक्ष्म सिंचाई कोष बनाया जाएगा।
- उन्होंने कहा कि किसानों के लिए डेयरी अतिरिक्त आय का प्रमुख जरिया है।
- ऐसे में सरकार 2,000 करोड़ रुपए के शुरुआती कोष से डेयरी प्रोसेसिंग फंड बनाएगी जिसे तीन साल में बढ़ाकर 8,000 करोड़ रुपए किया जाएगा।
- जेटली ने यह भी कहा कि सरकार ठेका कृषि मॉडल कानून बनाएगी जिसे राज्यों को उपलब्ध कराया जाएगा।