नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनियों BSNL और MTNL के विलय की चर्चा फिर से हो रही है। इस घटनाक्रम के बीच BSNL के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक अनुपम श्रीवास्तव ने कहा है कि यह विलय दोनों ही कंपनियों के लिए फायदे का सौदा होगा। हालांकि, इसके साथ ही श्रीवास्तव ने कहा कि ऋण और वेतन ढांचे से संबंधित मुद्दों को पहले हल किया जाना चाहिए।
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जून में केेंद्रीय मंत्रिमंडल के सामने रखा जा सकता है यह प्रस्ताव
- एक संसदीय समिति की रिपोर्ट में यह संकेत दिया गया है कि दूरसंचार विभाग BSNL और MTNL के विलय के प्रस्ताव को जून में केंद्रीय मंत्रिमंडल के समक्ष रख सकता है।
- सूचना प्रौद्योगिकी पर स्थायी समिति ने पिछले सप्ताह कहा था, जहां तक BSNL और MTNL के विलय की बात है, तो इस प्रस्ताव पर जून में विचार होगा।
- इससे पहले पिछले महीने दूरसंचार विभाग के शीर्ष अधिकारियों की बैठक में दोनों इकाइयों के विलय की संभावना पर विचार किया गया था।
- क्षेत्र में बढ़ती प्रतिस्पर्धा की वजह से दोनों ही कंपनियों को वित्तीय दबाव का सामना करना पड़ रहा है।
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श्रीवास्तव ने कहा कि,
BSNL और MTNL में तालमेल है, इस बात पर कोई संदेह नहीं है। विशेष रूप से जब हम उपक्रम और मोबाइल कारोबार खंड को देखते हैं। उन्होंने कहा कि यह दोनों ही संगठनों के लिए फायदे का सौदा होगा।
- इसके साथ ही श्रीवास्तव ने कहा, MTNL पर भारी कर्ज का बोझ है। इसे देखा जाना चाहिए।
- विलय के बाद यह नहीं होना चाहिए अन्यथा इकाई पर भारी बोझ पड़ जाएगा।
- MTNL दिल्ली और मुंबई में सेवाएं देती है, जबकि शेष भारत में BSNL सेवाएं देती है।