नई दिल्ली। मौजूदा सप्ताह के पहले दो दिन स्थानीय शेयर बाजार में तेजी से निवेशकों की संपत्ति के मूल्य में कुल 5 लाख 78 हजार 634 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है। इसमें मंगलवार को हुआ दो लाख 74 हजार 908 करोड़ रुपये का लाभ शामिल है। इन दो दिनों में बंबई शेयर बाजार (बीएसई) का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स कुल मिला कर 1,461 अंक यानी 2.99 प्रतिशत चढ़ा है। मंगलवार को सेंसेक्स 612.60 अंक यानी 1.24 प्रतिशत चढ़कर फिर 50,000 अंक से ऊपर निकल गया। बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण दो दिन में 5,78,634.72 करोड़ रुपये बढ़कर मंगलवार को 2,16,39,367.91 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
क्यों आई बाजार में बढ़त
रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के शोध उपाध्यक्ष अजित मिश्रा ने कहा, ‘‘भारत में कोविड-19 मामलों में आई कमी और वैश्विक बाजारों की स्थिरता का बाजार की तेजी में योगदान रहा है।’’ इससे पहले एक अप्रैल 2021 को बीएसई सेंसेक्स 50,000 अंक से ऊपर बंद हुआ था। रिलायंस सिक्युरिटीज के रणनीतिक प्रमुख विनोद मोदी ने कहा कि कोविड संक्रमण के मामलों में गिरावट के संकेत और अर्थव्यवस्था में सुधार की गति बढ़ने की उम्मीद से बाजार में तेजी का रुख रहा है। इसके साथ ही एशियाई बाजारों में तेजी का भी निवेशकों की धारणा को समर्थन मिला।
रुपया भी पहुंचा सात सप्ताह के उच्चतम स्तर पर
प्रमुख विदेशी मुद्राओं के समक्ष अमेरिकी डालर के कमजोर होने तथा घरेलू शेयर बाजार में तेजी के बीच विदेशी विनिमय बाजार में रुपये में लगातार तीसरे दिन मंगलवार को तेजी बनी रही और रुपये की विनिमय दर 17 पैसे की मजबूती के साथ प्रति डॉलर 73.05 पर बंद हुई। यह सात सप्ताह का रुपये का सबसे मजबूत स्तर है। अंतरबैंक विदेशी विनिमय बाजार में डॉलर सुबह 73.18 रुपये पर खुला। दिन में रुपया-डालर विनिमय दर 72.95 से 73.18 के बीच घूमने के बाद अंत में पिछले बंद के मुकाबले 17 पैसे की मजबूती के साथ 73.05 पर बंद हुई। यह रुपये का सात सप्ताह का उच्चतम स्तर है। सोमवार को डालर 73.22 पर बंद हुआ था। बाजार सूत्रों ने कहा कि कच्चातेल कीमतों में तेजी, विदेशी संस्थागत निवेशकों के सतत पूंजी निकासी की वजह से रुपये की तेजी पर अंकुश लगा है। पिछले तीन कारोबारी सत्रों में रुपये में कुल मिला कर 37 पैसे की मजबूती आई है। इस बीच छह प्रमुख मुद्राओं के समक्ष डालर की तुलनात्मक स्थिति दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.40 प्रतिशत गिरकर 89.80 पर था।