मुंबई। एशिया के सबसे पुराने शेयर बाजारों में से एक बंबई शेयर बाजार (BSE) ने वित्त वर्ष 2017-18 के लिए सूचीबद्ध कंपनियों का वार्षिक शुल्क बढ़ा दिया है। बढ़ा शुल्क एक अप्रैल से लागू होगा।
बीएसई ने इस तरह के शुल्क की विभिन्न श्रेणियों में भी बदलाव किया है। यह श्रेणियां कंपनियों की सूचीबद्ध पूंजी के आधार पर तय की जाती है। बीएसई ने एक परिपत्र में कहा कि उसके एक्सचेंज पर प्रतिभूतियों को सूचीबद्ध कराने के लिए लगने वाले वार्षिक शुल्क को वित्त वर्ष 2017-18 के लिए संशोधित किया गया है। यह नया वार्षिक शुल्क एक अप्रैल 2017 से लागू होगा।
बाजार ने एक नया स्लैब पेश किया है, जो कि 3,000 करोड़ रुपए से अधिक पूंजी वाली कंपनियों के लिए है। इस वर्ग में आने वाली कंपनियों के लिए 10.20 लाख रुपए की सालाना सूचीबद्धता फीस रखी गई है। इन कंपनियों को उनकी पूंजी में प्रत्येक पांच करोड़ रुपए की वृद्धि होने पर 3,910 रुपए का अतिरिक्त शुल्क देना होगा।
बंबई शेयर बाजार ने 2,000 करोड़ से 3,000 करोड़ रुपए की पूंजी वाली कंपनियों के लिए भी एक स्लैब रखा है।
- इस श्रेणी में आने वाली कंपनियों को 10 लाख रुपए सूचीबद्धता शुल्क और पूंजी में प्रत्येक पांच करोड़ रुपए की वृद्धि पर 4,270 रुपए का अतिरिक्त शुल्क देना होगा।
- इसी प्रकार 1,000 करोड़ से लेकर 2,000 करोड़ रुपए की पूंजी वाली कंपनियों को 9.90 लाख रुपए सूचीबद्धता शुल्क और पूंजी में प्रत्येक पांच करोड़ रुपए की वृद्धि पर 3,930 रुपए का अतिरिक्त शुल्क देना होगा।
- बीएसई ने चालू वित्त वर्ष के लिए 1,000 करोड़ रुपए से अधिक पूंजी वाली कंपनियों के लिए 8.06 लाख रुपए की फीस और 3,469 रुपए का अतिरिक्त शुल्क लगाया है।
- एक्सचेंज ने 500 करोड़ से अधिक और 1,000 करोड़ रुपए तक की पूंजी वाली कंपनियों के लिए एक अप्रैल 2017 से 6.05 लाख रुपए का सूचीबद्धता शुल्क रखा है, जो कि 2016-17 में 4.87 लाख रुपए था।
- इस वर्ग की कंपनियों को पूंजी मूल्यांकन में प्रत्येक पांच करोड़ रुपए की वृद्धि पर 3,530 रुपए का अतिरिक्त शुल्क देना होगा। चालू वित्त वर्ष के दौरान यह राशि 3,188 रुपए है।
- बीएसई ने 400 से 500 करोड़ रुपए के पूंजी दायरे वाली कंपनियों के लिए यह राशि 6 लाख रुपए और 300 से 400 करोड़ रुपए के दायरे में आने वाली कंपनियों के लिए 4.5 लाख रुपए रखी है।
- चालू वित्त वर्ष में यह राशि क्रमश 4.87 लाख रुपए और 3.67 लाख रुपए है।
इसी प्रकार 200 से 300 करोड़ रुपए के पूंजी दायरे की कंपनियों के लिए शुल्क को 3.75 लाख रुपए कर दिया गया है, जो कि इस समय 3.03 लाख रुपए है। - इसी प्रकार 100 से 200 करोड़ रुपए की पूंजी वाली कंपनियों के लिए तीन लाख रुपए और 100 करोड़ रुपए तक की पूंजी वाली कंपनियों के लिए 2.50 लाख रुपए रखा गया है।