नई दिल्ली। बंबई शेयर बाजार (बीएसई) ने अपने कारोबारी ब्रोकरों से कहा है कि वे वित्त वर्ष 2015-16 तथा उसके पहले के वर्षों में वसूले गये अतिरिक्त प्रतिभूति लेन-देन कर (एसटीटी) की विस्तृत जानकारी दें तथा अगले 15 दिन के भीतर उसका सरकारी खजाने में भुगतान कर दें।
बीएसई ने यह कदम तब उठाया है जब आयकर उपायुक्त ने कुछ ब्रोकरों तथा सब-ब्रोकरों द्वारा वसूले गये एसटीटी को सरकारी खाते में जमा नहीं कराये जाने की ओर ध्यान दिलाया था। बीएसई ने 23 नवंबर को जारी परिपत्र में कहा, ‘‘आयकर परिपत्र के हिसाब से जिन ब्रोकरों ने 31 मार्च 2016 तक वित्त वर्ष 2015-16 या उससे पहले के वर्षों के लिए अतिरिक्त एसटीटी वसूला था वे उसे सीधे सरकारी खाते में जमा करायें।’’
उसने आगे कहा कि इसकी विस्तृत जानकारी अगले 15 दिनों के भीतर आयकर उपायुक्त के कार्यालय को भी दी जाए। अतिरिक्त आयकर उपायुक्त ने कहा था, ऐसे मामले उनके संज्ञान में आये हैं जिसमें एसटीटी वसूलकर ब्रोकर और सब-ब्रोकरों ने अपने पास रख लिया और उसे सरकारी खाते में जमा नहीं करवाया है।
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