नई दिल्ली। प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए अप्रैल, 2020 तक बीएस-6 फ्यूल एमिशन रेगुलेशंस को सरकार लागू करेगी। इस फैसले के बाद देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी ने कहा कि इससे एयर क्वालिटी में कोई सुधार नहीं होगा, बल्कि इससे कारों की कीमतें 20,000 रुपए से लेकर 2 लाख रुपए तक बढ़ सकती हैं। गौरतलब है कि बढ़ते प्रदूषण पर काबू पाने के लिए सरकार बीएस-4 के बाद सीधे बीएस-6 फ्यूल एमिशन रेगुलेशंस लागू करने का फैसला किया है।
20 हजार से 2 लाख तक बढ़ सकते हैं कारों के दाम
मारुति सुजुकी के चेयरमैन आर.सी. भार्गव ने कहा कि कुल प्रदूषण में कारों का योगदान केवल 2 फीसदी है। इसलिए प्रदूषण की समस्या फ्यूल एमिशन नियम लागू करने से कम नहीं होने वाली है। उन्होंने कहा कि महज चार साल में बीएस-6 नियमों को पूरा करने के लिए टेक्नोलॉजी उन्नत करना एक चुनौती होगी और कार के दाम 20,000 रुपए से लेकर दो लाख रुपए तक बढ़ सकते हैं।
प्रदूषण में कारों का योगदान केवल 2 फीसदी
आईआईटी कानपुर की ओर से किए गए एक अध्ययन का हवाला देते हुए भार्गव ने बताया, कुल प्रदूषण में कारों का योगदान केवल 2 फीसदी है, जबकि 98 फीसदी अन्य स्त्रोत का है। इसलिए, यदि बीएस-6 नियमों को लागू किए जाने के बाद एयर क्वालिटी में कोई दृष्टिगोचर बदलाव नहीं दिखाई दे तो इस पर लोगों को आश्चर्य नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा, हम सभी को वायु प्रदूषण को लेकर चिंतित होना चाहिए। लेकिन क्या हम 90 प्रतिशत योगदान करने वाले स्रोत के बजाय केवल 2 फीसदी वाले क्षेत्र पर ध्यान केन्द्रित कर वास्तविक मुद्दे का समाधान कर रहे हैं। भार्गव ने कहा कि वाहन विनिर्माताओं को नई आवश्यकताएं पूरी करने के लिए इंजन कंट्रोल यूनिट और फ्यूल इंजेक्शन प्रणाली बनाने वाली कंपनियों के साथ मिलकर काम करना होगा।