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बीएस-तीन वाहनों पर प्रतिबंध से कर्मशियल व्हीकल्स और दोपहिया कंपनियों को भारी नुकसान

भारत चरण-तीन वाहनों पर प्रतिबंध के आदेश के बाद वाणिज्यिक और दोपहिया विनिर्माताओं द्वारा अपना स्टॉक निकालने के लिए भारी रियायतों की पेशकश की गई है।

Dharmender Chaudhary
Published : April 03, 2017 18:16 IST
Crisil: बीएस-तीन वाहनों पर प्रतिबंध से कर्मशियल व्हीकल्स और दोपहिया कंपनियों को भारी नुकसान
Crisil: बीएस-तीन वाहनों पर प्रतिबंध से कर्मशियल व्हीकल्स और दोपहिया कंपनियों को भारी नुकसान

मुंबई। सुर्पीम कोर्ट द्वारा एक अप्रैल से भारत चरण-तीन वाहनों पर प्रतिबंध के आदेश के बाद वाणिज्यिक वाहन कंपनियों और दोपहिया विनिर्माताओं द्वारा अपना स्टॉक निकालने के लिए भारी रियायतों की पेशकश की गई है। इससे जहां वाणिज्यिक वाहन कंपनियों को 2,500 करोड़ रुपए का नुकसान होने का अनुमान है। वहीं दोपहिया उद्योग को भी करीब 600 करोड़ रुपए का घाटा होने का अनुमान है। शोध कंपनी क्रिसिल की रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है।

क्रिसिल के अनुसार जिन कंपनियों ने 31 मार्च तक बीएस-तीन वाणिज्यिक वाहनों का स्टॉक निकाला है उन्हें रियायतों और प्रोत्साहनों पर 1,200 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। वहीं ऐसा स्टॉक जो बिक नहीं पाया है उस पर कंपनियों को 1,300 करोड़ रुपए का नुकसान होने का अनुमान है।

ट्रक कंपनियों अशोक लेलैंड और टाटा मोटर्स के कर पूर्व मार्जिन पर एकल आधार पर उनके राजस्व का 2.5 प्रतिशत असर पड़ने का अनुमान है। हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि इस नुकसान का प्रभाव 2016-17 और 2017-18 दोनों वित्त वर्ष में पड़ेगा। इसकी वजह है कि बिना बिके स्टॉक को डीलरों से वापस मंगाना होगा और उसके बाद उन पर काम करना होगा।

हाल में संपन्न वित्त वर्ष में बीएस-तीन वाहनों पर छूट से कंपनियों के कर पूर्व मुनाफे पर एक प्रतिशत का असर पड़ा है। इस मामले पर फैसले के दिन वाणिज्यिक वाहन उद्योग के पास बीएस-तीन वाहनों की 97,000 इकाइयां थीं जो मूल्य के हिसाब से 11,600 करोड़ रुपए बैठती हैं।

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